Tuesday, December 3, 2024

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RSS and BJP

New book tackles global Hinduphobia & anti-Hindu ecosystems, advocates need for right-wing Hindu resurgence 

Indian born British Author Saurav Dutt has penned ‘Modi & Me: A Political Reawakening’ an unflinching book that deals with the reasons behind the rising surge of Hinduphobia across media, academia, culture and politics across the world. Dutt maps the energy behind the movement-a denigration and distortion of Hindu values, history and culture-alongside the meteoric rise of Narendra Modi and the BJP since Modi’s ascent to the Indian premiership in 2014.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विरोधी, भ्रटाचारी, तानाशाह और आतंकी ही क्यों होते हैं? भाग-१

आरएसएस और कांग्रेस दो ऐसे संगठन हैं जिनका इतिहास लगभग १०० वर्ष के आसपास का है। कांग्रेस तो लगभग १२५ से १४० वर्ष पुरानी है। आइये देखते हैं दोनों संगठनों के उतार और चढाव को और समझते हैं कि दोनों में बुनियादी अंतर क्या है?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्र सेवा में बढ़ते कदम

राष्ट्र को परमवैभव पर ले जाने के जिस उद्देश्य को लेकर विजयादशमी के दिन नागपुर में प्रखर राष्ट्रवाद की भावना से ओतप्रोत डा. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी।

The extra ordinary journey of an ordinary patriot from Pracharak to Prime Minister

Modi has to face several challenging circumstances which he faced with undeterred courage.The most important quality to become a leader.

भारत के निर्माण में संघ का योगदान

गांधी जी ने ए.ओ. द्वारा गठित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को समाप्त करने की बात भी कही थी। स्वतंत्रता संग्राम में किसी व्यक्ति विशेष या पार्टी का कोई योगदान नहीं है, आजादी की लड़ाई में सभी का रक्त शामिल है।

India Will have to bow before China if dependence on it increases: RSS chief

Bhagwat said no matter how much people shout about boycotting Chinese goods, everything in mobile phones is coming from China.

नए भितरघाती- ट्रोजन राइट विंग (TRW)

ट्रोजन आरडब्ल्यू (TRW) क्या है? हम कैसे पहचाने कि कोई सोशल मीडिया की आवाज TRW है? यह भी प्रश्न उठता है कि क्या केवल मोदी / शाह या भाजपा / आरएसएस की आलोचना करने से ही कोई TRW हो जाता है?

RSS: Perspective with unbiased lenses

Should we call RSS Swayamsevaks as religious fanatics if they are following the principles of Sanatana Dharma and serving society without any prejudice, rich or poor, black or white, no religious and caste discrimination?

संघ कार्य व्यक्ति निर्माण का कार्य है, यह एक धीमी प्रक्रिया है, इसकी गति बढ़ाना सम्भव ही नहीं

संघ पर प्रश्न खड़े करने वाले निष्क्रिय निठल्ले और परिस्थितियों से विवश, नकारात्मक लोग हैं, भले ही वे #सक्रिय जैसे दिखते हैं। हजारों वर्षों के राष्ट्र जीवन में इनकी औकात ही क्या है? वेद, उपनिषद और गीता के सामने तुम्हारी एक किताब का अस्तित्व ही क्या है?

Narendra Modi- Not falling into the trap of self-serving seculars

Modi has kept his formula simple. He doesn't try to lure opportunists who would let him down at the next opportunity that they will get. It had happened in the case of Atal ji. Opposition had all praise for him but no votes. Atal ji was forced to follow a semi-secular path to please his opposition and to appear acceptable to a wider base. Instead, Modi banks on the originals - the tried and the tested.

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