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पवन सारस्वत मुकलावा
कृषि एंव स्वंतत्र लेखक , राष्ट्रवादी ,
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पुलवामा अटैक: 14 फरवरी का दिन दुःखद, स्वर्ग जैसी धरती हुई थी खून से लहूलुहान
आज भी पुलवामा अटैक के उस मंजर को याद कर हर किसी की आंखे नम हो जाती है। वीर शहीदों की शहादत को आज भी पूरा देश नमन करता है।
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नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयंती विशेष: हर भारतीयों के लिए पराक्रम के प्रतीक
भारत माता के सपूत के स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को केंद्र सरकार ने हर साल पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है।
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स्वामी विवेकानंद जयंती: एक युवा, जिसने साधु बनकर दुनिया को असली भारत की पहचान बताई
12 जनवरी का दिन देश भर में युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन स्वामी विवेकानंद जी को समर्पित हैं. आइए जानते हैं एक आम युवा व्यक्ति के स्वामी विवेकानंद बनने तक के सफर को.
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6 दिसंबर 1992 के बिना भव्य राम मंदिर निर्माण की कल्पना क्या संभव थी
6 दिसंबर 1992 की वो शुभ तारीख... जिसने बदल कर रख दिया इतिहास, हर धुरी बदल गयी यानी उस दिन हर तरफ जय श्री...
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अब पत्रकारिता के दमन पर, अभिव्यक्ति की आज़ादी कहा है
4 नवंबर यानी बुधवार की तरोताजा सुबह ने मुंबई में जैसे आपातकाल की याद दिला दी हो यानी अभिव्यक्ति की आजादी जैसे सो कोस दूर हिलोरे मार रही हो ,स्वंत्रता की आजादी जैसे गड्ढे में दम ले लिया हो।
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भारत की महान बेटी भगिनी निवेदिता का भारत से जुड़ाव – जन्म जयंती विशेष
सिस्टर निवेदिता का असली नाम मार्गरेट एलिजाबेथ नोबुल था। स्वामी विवेकानन्द की शिष्या भगिनी निवेदिता का जन्म 28 अक्टूबर, 1867 को आयरलैंड में हुआ था। वे एक अंग्रेज-आइरिश सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक एवं एक महान शिक्षिका थीं। भारत के प्रति अपार श्रद्धा और प्रेम के चलते वे आज भी प्रत्येक भारतवासी के लिए देशभक्ति की महान प्रेरणा का स्रोत है।