Saturday, April 27, 2024
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अरे धीरे बोलो वरना वो सुन लेगा

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Nagendra Pratap Singh
Nagendra Pratap Singhhttp://kanoonforall.com
An Advocate with 15+ years experience. A Social worker. Worked with WHO in its Intensive Pulse Polio immunisation movement at Uttar Pradesh and Bihar.

जी हाँ मित्रों आज पाकिस्तान हो, कांग्रेस हो, ब्रिटेन हो या दुनिया भर में फैले भारत विरोधी अधर्मज संताने हों, इन सभी के हृदय में उसका गजब का खौफ है। आज कांग्रेस रुक रुक कर सांसे ले रही है। पाकिस्तान मर मर कर जिल्लत से भरी भयानक जिंदगी जी रहा है और वामपंथी अपने चीनी अकाओं को खुश ना कर पाने के कारण छटपटा रहे हैँ, आखिर कौन है वो जिसके खौफ से न्यूयार्क टाइम्स और ग्लोबल टाइम्स दोनों अपना प्रॉपगेंडा नहीं चला पा रहे।

आखिर कौन है वो जिसके खौफ से भारत के सभी तथाकथित विपक्षी दल एक साथ आ खड़े हुए हैँ। आखिर कौन है, वो जिसने केवल १० वर्षों में हि पाकिस्तान के परमाणु और चिन के अंडाणु और अंग्रेजों के कीटाणु बम को “फुसफुशिया लुत्ति” बम में बदल दिया है।

आखिर कौन है वो विश्व के कई एक दूसरे से दुश्मनी निभाने वाले मुल्को के मध्य शांति की कड़ी बन चुका है। बात आमेरिका और रूस की हो, बात ईरान और सऊदी अरब की हो, बात इजराइल और फिलिस्तीन की हो, बात उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया की हो, बात चिन और ताइवन की हो, बात अरमेनिया और अजरबैजान की हो या फिर मसला किसी का किसी से हो पर शांति स्थापना हेतु सम्पूर्ण विश्व उसी की ओर देख रहा है। कौन है वो?

कौन है वो जिसने भारत में वर्ष २००४ से लेकर २०१४ तक फैले अंधकार के राज का सर्वनाश कर प्रकाश के तेज से चकाचौंध कर दिया।

कौन है वो जिसने भारत में वर्ष २००४ से लेकर २०१४ तक फैले झूठ, फरेब, मक्कारी, गद्दारी, जालसाजी, धोखेबाजी, भ्र्ष्टाचार, कायरता, आतंकवाद और दुश्चरित्रता की भयानकता से उबार कर सत्य, सदचरित्रता, राष्ट्रभक्ति, ईमानदारी से विकास के पथ पर अग्रसरित कर भयमुक्त कर दिया।

कौन है जिसने २०१४ से २०२३ के मध्य हि भारत को चन्द्रमा पर पहुंचा दिया। कौन है वो जिसने लूट के माल पर विकसित हुए अंग्रेजों को पछाड़कर उनके देश से भारत को आगे ले गया।

कौन है जिसने २०१४ से २०२३ की अवधि में भारत को रक्षा, ऑटोमोबाईल, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी इत्यादि में आत्म निर्भर बना दिया।कौन है जिसके डिजिटल पेमेंट (UPI) की धूम पूरे ब्रह्माण्ड में मची हुई है।

कौन है जिसने आधे से अधिक यूरोप के बराबर जनसंख्या (८४ करोड़) को लगातार २.५ वर्षों तक निशुल्क राशन की व्यवस्था करता रहा। कौन है जिसने अपने देश में वैक्सीन (Covid -१९) का अविष्कार करवाया और पूरे विश्व में निशुल्क बटवाया। भारत में २ करोड़ निशुल्क वैक्सीन के डोज दिलवाया।

कौन है, जिसने मीरबाकि नामक मुगलिया शैतान के हैवानी कारगुजारी (विवादित ढांचे के विवाद) को सर्वसम्मति से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार निर्णित करवाया। कौन है जिसने नेहरू, अब्दुल्ला और जिन्ना के षड्यंत्र से रचे गये अनुच्छेद ३७० और ३५ अ को उखाड़ फेंका और जम्मू कश्मीर और लद्दाख में शांती, सुख और समृद्धि ले आया जिसके कारण आतंकवादी का भाई भी हाथ में तिरंगा लेकर जय हिंद बोलता नजर आया।

कौन है वो जिसने बिना एक गोली चलवाये पाकिस्तानियों के अवैधानिक कब्जे वाले कश्मीर में उथल पुथल मचा दी, अब गिलगित और बल्टिस्तान की जनता भारत में मिलने को तड़प रही है।

कौन है जिसने रुपया को इतना शक्तिशाली बना दिया की अब वो अमेरिकी डालर को चुनौती दे रहा है।

कौन है वो जिसने भारतीय संस्कृति, सभ्यता, ज्ञान और विज्ञान की धूम G-२० के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व में फैला दिया। कौन है जिसने अबू धाबी में प्रभु श्रीराम का मंदिर बनवा दिया। कौन है वो जिसने अफ़्रीकी यूनियन के ५५ देशों की आवाज बुलंद की। कौन है वो जिसके पीछे कांग्रेस, पाकिस्तान, चिन, CIA, आतंकी संगठन और भारत के वामपंथी हाथ धोकर पड़े हैँ।

कौन है वो एक एक कर गुलामी के प्रतिकों को मिटाता जा रहा है। कौन है वो जिसने नए, विशाल और भव्य संसद भवन का निर्माण करवाया। कौन है वो जिसने “वन रैंक वन पेंशन” योजना को लागू कर सैनिकों के दामन को खुशियों से भर दिया। कौन है वो जिसने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद ३७० और ३५-अ हटाकर उसका अधिमिलन भारत में करवाया।

कौन है वो जिसके विरुद्ध आपस में लड़ने वाले विपक्षी दल एक हो गये हैँ:-
१:-पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, कम्युनिस्ट और कांग्रेस आपस में लड़ते रहे;
२:-बिहार में लालू जी की पार्टी और कांग्रेस आपस में लड़ते रहे;
३:-उत्तर प्रदेश में मुलायम जी की पार्टी और कांग्रेस आपस में लड़ते रहे;
४:-केरल में कम्युनिस्ट और कांग्रेस आपस में लड़ते रहे;
५:-तमिलनाडु में करुणानिधी की पार्टी और कांग्रेस आपस में लड़ते रहे;
६:-महाराष्ट्र में शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस आपस में लड़ते रहे;
७:- झारखण्ड में शिबू शिरेन की पार्टी और कांग्रेस आपस में लड़ते रहे;
८:- जम्मू कश्मीर में फारुख अब्दुल्ला, मेहबूबा और कांग्रेस आपस में लड़ते रहे;
९:- कर्नाटका में कांग्रेस और देवीगौड़ा जी की पार्टी आपस में लड़ते रहे तथा
१०:- दिल्ली में और पंजाब में अरविन्द केजरीवाल और कांग्रेस लड़ते रहे इत्यादि

ऐसे में कौन है वो जिसके डर और भय से ये सभी एक मंच पर विराजमान होकर “सनातन धर्म के समूल नाश” करने के लिए इकट्ठा हो गये। आज बिहार का चंद्रशेखर सिंह हो या उत्तर प्रदेश का स्वामी प्रसाद मौर्य, कर्नाटक का प्रियांक खड़गे हो या तमिलनाडु का स्टालीन सभी “सनातन धर्म के समूल नाश” करने का संकल्प ले रहे हैँ। ऐसा क्यों?

मित्रों याद रखो जब राजा ईमानदार, राष्ट्रभक्त और प्रजावत्सल के साथ- साथ कर्तव्यपथानुगामी होता है, तो राष्ट्र की सभी बुराइयां एकत्र होकर उसे हराने का प्रयास करती हैँ। ओर ऐसे राजा की जो असली शक्ति, उसके प्रजा द्वारा व्यक्त किया गया विश्वाश होता है। यदि यह विश्वाश बना रहे तो फिर सारी नकारात्मक ऊर्जाएं मिलकर भी उस ईमानदार राजा का कुछ नहीं बिगाड़ सकती।

हमारे शास्त्रों ने कहा है:-
दुष्टस्य दण्डः स्वजनस्य पूजा न्यायेन कोशस्य हि वर्धनं च ।
अपक्षपातः निजराष्ट्ररक्षा पञ्चैव धर्माः कथिताः नृपाणाम् ॥

दुष्ट को दंड देना, स्वजनों की पूजा करना, न्याय से कोश बढाना, पक्षपात न करना, और राष्ट्र की रक्षा करना – ये राजा के पाँच कर्तव्य है । और इसी कर्तव्य का पालन तो वो कर रहा है।
प्राज्ञे नियोज्यमाने तु सन्ति राज्ञः त्रयोगुणः ।
यशः स्वर्गनिवासश्र्च विपुलश्र्च धनागमः ॥

बुद्धिमान लोगों की नियुक्ति करने वाले राजा को तीन चीज़ों की प्राप्ति होती है – यश, स्वर्ग और बहुत धन । और यही सब तो उसे प्राप्त हो रहा है, जिससे जलभून कर असुरी शक्तियाँ उसे गिराने पर तुली हैँ।

तस्मान्नित्योत्थितो राजा कुर्यादर्थानुशासनम् ।
अर्थस्य मूलमुत्थानमनर्थस्य विपर्ययः ।।
{तस्मात् नित्य-उत्थितः राजा अर्थ-अनुशासनम् कुर्यात्, उत्थानम् अर्थस्य मूलम्, विपर्ययः (च) अनर्थस्य (कारणम्) ।}
अतः उक्त बातों के मद्देनजर राजा को चाहिए कि वह प्रतिदिन उन्नतिशील-उद्यमशील होकर शासन-प्रशासन एवं व्यवहार के दैनिक कार्यव्यापार संपन्न करे । अर्थ यानी संपदा-संपन्नता के मूल में उद्योग में संलग्नता ही है, इसके विपरीत लापरवाही, आलस्य, श्रम का अभाव आदि अनर्थ (संपन्नता के अभाव या हानि) के कारण बनते हैं । हमारा राजा अर्थात प्रधान सेवक भी तो प्रतिदिन उन्नतिशील-उद्यमशील होकर शासन-प्रशासन एवं व्यवहार के दैनिक कार्यव्यापार संपन्न करता है।

खैर मित्रों जब तक भारत की जनता जनार्दन अपने प्रधान सेवक के साथ खड़ी है, तब तक सरी नकारात्मक शक्तियाँ मिलकर भी उसे हरा ना पाएंगी।

जय हिंद
लेखक:- नागेंद्र प्रताप सिंह (अधिवक्ता)
[email protected]

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