Tuesday, October 15, 2024
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कोरोना काल में भी देशभर में सेवा कार्य में जुटा हुआ है संघ

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पवन सारस्वत मुकलावा
पवन सारस्वत मुकलावाhttp://WWW.PAWANSARSWATMUKLAWA.BLOGSPOT.COM
कृषि एंव स्वंतत्र लेखक , राष्ट्रवादी ,

आज के समय मे पूरा देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से त्राहिमाम कर रहा है। पूरा देश कोरोना की इस दूसरी लहर की वजह से परेशान है। देश मे अधिकांश राज्यो में आंशिक लॉकडाउन जैसी स्थिति है। हर तरफ हाहाकार मचा हुआ, कुछ जगह कोरोना के कारण दम तोड़ती जिंदगी ,कुछ जगह मेडिकल उत्पादों पे होती कालाबाजारी ,कुछ जगह जवाब देती इंसानियत ,इसके अलावा देश में कभी कोरोना के नाम पर कभी वैक्सीन पे तो कभी अस्पतालो और मेडिकल सुविधा पर ख़ूब हो रही राजनीति किन्तु इनके अलावा देश के साथ खड़ा है एक ऐसा संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उनके स्वयंसेवक जो कोरोना काल मे दूत बनकर सामने आए हैं और लगातार लोगों की सेवा कर रहे हैं। देश के हर हिस्से में संघ के स्वयंसेवक पूरी तन्मयता से लोगों की सेवा में लगे हुए हैं। संगठन जो सोशल मीडिया से मिलने वाली प्रतिष्ठा और सम्मान से दूर अदृश्य होकर लोगों की सेवा में जुटा हुआ है और आज भी लगातार सेवा कार्य ही कर रहा है।

कोरोना महामारी ने मानवता को भी कुचल कर रख दिया है। यदि कोई संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो वो भी संक्रमित हो जाता है। इस सबके बावजूद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक अपनी जान जोखिम में डालकर पूरी तत्परता के साथ लोगों की मदद करने का काम कर रहे हैं।

कोरोना की प्रथम लहर की भांति दूसरी लहर में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक अनुषांगिक संगठन सेवा भारती सहित अन्य सबन्धित संगठन व संस्थाओं के माध्यम से प्रभावित परिवारों व जरूरतमंदों को सहायता उपलब्ध करवाने के कार्य में जुटे हुए हैं। इस संकट काल में स्वयंसेवकों ने स्वतःस्फूर्त होकर क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार प्राथमिकता पर कई प्रकार के सेवा कार्य प्रारंभ कर रखे है सिर्फ मन मे एक ही भावना लेकर देश हमें सबकुछ देता है, लिहाजा हम भी तो कुछ देना सीखें। इसी भाव को लेकर संघ का स्वयंसेवक समाज के साथ समरस होकर सेवा को सदैव तत्पर रहता है। जब जब समाज पर किसी भी प्रकार का कष्ट अथवा कोई प्राकृतिक आपदा आई हो, संघ के स्वयंसेवकों ने अपनी चिंता न करते हुए पूर्ण निष्ठा के साथ अपना योगदान दिया है।

संघ की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि सेवा कार्यों को करने के दौरान संघ ने केवल सेवा की भावना को ही कायम रखा है। परंतु वह किसी एक प्रकार के पैटर्न या फॉर्मेट में कार्य नहीं करता और न ही इस सेवा के पीछे उसका कोई छिपा एजेंडा होता है। अत: संघ उस समय की परिस्थिति को देखते हुए आवश्यकता के अनुरूप बिना किसी भेदभाव के समाज को साथ लेकर समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक सहायता पहुंचाने के लिए कटिबद्ध होता है। कोरोना कालखंड में जिस तरह परिस्थितियां बदलीं, जैसे-जैसे दिन गुजरे समस्याएं भी बदलती गईं। अब चुंकि समस्याओं का स्वरूप बदला अत: संघ ने अपने सेवाकार्यों के स्वरूप भी बदले है। जब कोरोना का संकट देश के सामने खड़ा हुआ तब संघ के स्वयंसेवक पूरी तन्मयता से देश के साथ खड़े हो गए, कोरोना संक्रमण की विभीषिका के इस काल में अखिल भारतीय स्तर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, राष्ट्रीय सेवा भारती और इससे संबद्ध संस्थाओं ने इस कोरोना काल में भी चार लाख से भी अधिक संघ कार्यकर्ताओं ने अपने स्वास्थ्य की चिंता किए बिना हजारों स्थानों पर करोड़ों लोगों तक भोजन तथा लाखो लोगों तक राशन किट वितरित कराने का काम किया।

इतना ही नहीं, लगभग पांच लाख प्रवासी श्रमिकों तथा दो लाख घुमंतू परिवारों तक जनसहायता पहुंचाई है। साथ ही लाखो की संख्या में मास्क का वितरण का कार्य स्वयंसेवकों द्वारा किया गया। इसके साथ इस कोरोना काल की दूसरी लहर में हजारों स्वयंसेवकों द्वारा रक्तदान किया गया, विपदा में संघ हमेशा देश और देश वासियों के साथ खड़ा रहा है, यह कई मौकों पर प्रमाणित हो चुका है। इस कोविड काल में भी स्वयंसेवक एक बार फिर अपनी उपयोगिता सिद्ध कर रहे है। देश भर के विभिन्न शहरों में ऑक्सीजन से लेकर भोजन ओर जरुरत मद तक सब कुछ उपलब्ध करवा रहे है संघ स्वयंसेवक, कोरोना के संभावित लोगों हेतु आइसोलेशन केंद्र व संक्रमित रोगियों हेतु कोरोना केयर सेंटर, सरकारी कोविड केयर सेंटर व अस्पतालों में सहायता उपलब्ध करवाना, सहायता हेतु हेल्पलाइन नंबर, ऑनलाइन चिकित्सकीय सलाह, रक्तदान, प्लाज्मादान, अंतिम संस्कार का कार्य, आयुर्वेदिक काढ़ा व दवा वितरण, समुपदेशन (काउंसलिंग), ऑक्सीजन आपूर्ति व एम्बुलेंस सेवा, भोजन, राशन व मास्क तथा टीकाकरण अभियान व जागरूकता, शव वाहन जैसे आवश्यक कार्य स्वयंसेवकों ने प्रारंभ कर रखे है।

इसके अलावा वैक्सीनेशन शिविर, सहयोग व जागरूकता अभियान में 7500 से अधिक स्थानों पर हजारों की संख्या में कार्यकर्ता लगे हुए हैं, जिसमें अभी तक कई लोगों को वैक्सीनेशन करवाया गया है। देशभर में विभिन्न स्थानों पर आइसोलेशन केंद्र संचालित के साथ अधिक से अधिक बिस्तर वह बेड की व्यवस्था की जा रही है इसके साथ ही विभिन्न शहरों में कोविड केयर सेंटर भी चलाए जा रहे हैं, इनमें से 3000 से अधिक बेड एंव बिस्तर ऑक्सीजन युक्त हैं। इन केंद्रों का संचालन कार्यकर्ता द्वारा किया जा रहा है, इनके अलावा सरकारी कोविड केयर केंद्रों में भी स्वयंसेवक व्यवस्थाओं में सहयोग कर रहे हैं। देश में विभिन्न शहरों में संचालित 800 से अधिक सरकारी कोविड केयर केंद्रों स्वयंसेवक सहयोग कर रहे हैं। कोरोना महामारी काल में संक्रमितों के लिए उनके घर तक निशुल्क भोजन पहुंचाने तथा आमजन को सभी प्रकार की मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने के पुनीत कार्य के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ अनुषांगिक संगठन सेवा भारती विभिन्न शहरों में जरूरतमंद तक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी मुहैया करा रहे है इसके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए है ताकि जरूरतमंदों तक इन्हें पहुंचाकर जीवन बचाया जा सके।

इस समय में देश के सभी प्रांतों की छोटी से छोटी बस्ती तक फैला हुआ संघ का पूरा तंत्र सक्रिय है। जमीनी स्तर पर जो जरूरतमंद हैं, उन्हें अगर किन्ही कारणों से प्रशासनिक मदद नहीं पहुंच पा रही है तब भी उन तक मदद पहुंचाने का कार्य संघ के स्वयंसेवक बखूबी करते आ रहे हैं।
कोरोना महामारी ने मानवीय संवेदनाओं को भी तार-तार कर रखा है। सांसों के साथ छोड़ने के साथ ही अपने भी दूरी बना रहे हैं। शव को अंत्येष्टि का इंतजार है, तो अस्थियों को अपनों के हाथ नदियों में प्रवाहित होने का, लेकिन संक्रमण के भय ने अपनों को भी दूर कर दिया है। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक सेवा कार्यों से मानवता की नई इबारत लिख रहे हैं। जिन शवों को अपने छोड़ गए, उनकी अंत्येष्टि से लेकर अस्थि विसर्जन तक की व्यवस्था कर रहे हैं।

कोरोना महामारी के काल में संघ के कार्य प्रत्यक्ष रूप से भले ही बंद रहे हों, लेकिन जैसे लॉकडाउन में जीवन चलता रहा है, ठीक वैसे ही संघ के कार्य भी चलते रहे। उस समय नित्य के कार्यक्रम भले ही बंद रहे, किंतु उनकी जगह दूसरे कार्यक्रमों ने ले ली है। उन कार्यो में अब सेवा का कार्य प्रमुख रूप से हो रहा।

संघ में जाति, पंथ, समुदाय व रंग देखकर सेवा का चलन नहीं है। जो संकट में है, वंचित है, पीड़ित है उसकी सेवा करना संघ की परिधि में आता है। उसकी पूजा पद्धति व संप्रदाय चाहे जो हो, संघ उनकी सेवा करने से परहेज नहीं करता जो आज के कोरोना के समय मे तन्मयता के साथ कर रहा है।

“यह मेरी मातृभूमि है, मैं उसका पुत्र हूं तथा अन्य सभी मेरे बंधु हैं। सभी के कल्याण में मेरा कल्याण है। मैं समाज का एक अंग हूं।” यही भाव संघ के स्वयंसेवक निर्मित करते हुए संपूर्ण समाज के साथ सेवा भाव का कार्य कर रहे है। संघ आज दुनिया का यह सबसे बड़ा सामाजिक संगठन है जो भारतवर्ष पर आने वाले हर संकट में समरस होकर पूरी तन्मयता के साथ देश के साथ खड़ा है।

  • पवन सारस्वत मुकलावा
    कृषि एंव स्वंतत्र लेखक
  • सदस्य लेखक, मरुभूमि राइटर्स फोरम

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