देश के पूर्व गृह मंत्री आर्टिकल 370 को हटाना कश्मीरियो का दमन बता रहे है। डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार के सबसे शक्तिशाली मंत्रियो में से एक चिदंबरम आज वही भाषा बोल रहे है जो पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय मंचो पर बोलता आया है। चिदंबरम यही नहीं रुके उन्होंने अलगाववादियों को भी महत्व देने की बात कही है। यह अपने आप में एक खतरनाक सोंच है क्यूंकि चिदंबरम पुरे दस साल गृह मंत्रालय और वित् मंत्रालय जैसे प्रमुख विभागों के मुखिया रहे है। ज्यादातर मौको पर सरकार का रुख चिदंबरम के रुख पर ही निर्भर करता था।
वर्तमान सरकार की सोंच जम्मू कश्मीर को ले कर बहुत स्पष्ट है। इक्षाशक्ति और मजबूत नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन मोदी सरकार कई मौको पर कर चुकी है। इसमें कुछ अप्रत्याशित भी नहीं है। चाहे चुनाव में जीते हों या हारे हों पर कुछ मुद्दे भाजपा के संकल्प पत्र से कभी गायब नहीं हुए। राम मंदिर हो या धारा 370, भारतीय जनता पार्टी कभी इन मुद्दों पर संदेह की स्थिति में नहीं रही। पार्टी के सस्थापक सदस्य डॉ. शयामा प्रसाद मुखर्जी का नारा था एक देश एक विधान एक संविधान एक निशान। मोदी सरकार ने वही किया जिसका उन्होंने जनता से वादा किया था।
जम्मू कश्मीर के लोगो की मुख्य आजीविका पर्यटन है। आतंक और आतंक को पराश्रय देने वाली राज्य सरकारों ने इस उद्योग को धीरे धीरे नष्ट कर दिया। राजनितिक परिवार तो खूब फले फुले पर आम कश्मीरी सिर्फ बदनामी ही कमा पाया। राज्य सरकारों की सरपरस्ती में कश्मीर का युवा कभी भारत की मुख्यधारा से जुड़ ही नहीं पाया। ऐसा प्रतीत होता है की इस दुरी को एक सोंची समझी साजिश के तहत बनाया गया। एक रहस्य्मयी दुरी केंद्र सरकार से हमेशा बना कर रखी गयी। 370 को हटाने से उस दुरी को पाटने में काफी मदद मिली। आज कश्मीरी मुख धारा में आने को तैयार है। केंद्र सरकार भी कई तरह के आर्थिक पैकेज दे कर व्यवहारिक माहौल बनाने को तत्पर दिख रही है। भारत की फौज मुस्तैदी से हर कश्मीरी के हिफाज़त के लिए खड़ी है। जम्मू कश्मीर का सुरक्षित और खुशनुमा माहौल पर्यटकों को निमंत्रित कर रहा है। धरती का स्वर्ग एक बार फिर से कश्मीरी मेहमान-नवाज़ी पेश करने को तैयार है।
पाकिस्तान परस्तो को शह देना, अलगववादियो को दिल्ली बुला कर पांच सितारा होटलों में ठहरना, बाटला हाउस पर आंसू बहाना इस तरह की हर चीज़ कांग्रेस की फितरत रही है। शायद यही कारण हैं की जब जब भारत में चुनाव होते है तब तब कॉंग्रेस की सरकार बनने की दुआए पाकिस्तान में पढ़ी जाती है। जो अलगाववादी आज ढूंढने पर श्रीनगर में भी नहीं मिलते है वो कांग्रेस की सरकार में दिल्ली आ कर पाकिस्तान के लिए कसीदे पढ़ते थे। जो आतंकवादी आज अपनी जान की भीख मांग रहे है वो कभी पुरे हिंदुस्तान में धमाके करते फिरते थे। भारत के प्रधानमंत्री को देहाती औरत बुलाने की हिमाकत करने वाला पाकिस्तान आज पूरी दुनिया में अलग थलग पद चूका है। जिस भारत के वीर सैनिको को जुते और बुलेटप्रूफ़ तक नसीब नहीं थे वहां आज दुनिया के सबसे अत्याधुनिक हथियार और सुविधाएं पहुचायी जा चुकी है। जिन सीमाओं पर पैदल पेट्रोलिंग करना भी कांग्रेस राज़ में संभव नहीं था वहां आज सड़को का जाल बिछ चूका है।
पुनर्निर्माण के इस माहौल में चिदंबरम का यह विभाजनकारी बयान अत्यंत अशोभनीय है। यह अपने आप में खतरनाक है क्यूंकि जिन पूर्व गृह मंत्री पर देश की अखंडता को बरकार रखने की जिम्मेदारी कुछ वक़्त पहले तक थी वही आज विभाजनकारी बातें कर रहे है। जब सत्ता इनके पास थी तब इन्होने अपनी जिम्मेदारी भारत के हित में निभायी होगी ऐसी उम्मीद ही कर सकते है। चिदंबरम के इस बयान के उपर कांग्रेस पार्टी को स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए। चिदंबरम को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्काषित कर देना ही पार्टी की छवि को सुधार सकता है।वरना सन्देश यही जायेगा की चिदंबरम या मणिशकर जैसे नेता अपने पार्टी नेतृत्व की शह पर ही ऐसे बयान देते है। ऐसी भी सोंच बन सकती है की चिदंबरम का यह प्रयास उसकाने वाला और देश में विद्रोह पैदा करने वाला साबित हो सकता है।
@graciousgoon