जी हाँ मित्रों जब से खडगे साहेब कांग्रेस के सिलेक्टेड कम इलेक्टेड अध्यक्ष बने हैं, तब से वो अपनी राजमाता के समक्ष अपनी काबिलियत सिद्ध करने में अत्यंत तत्पर दिखाई पड़ रहे हैं। आप तो जानते हैं हि कि कांग्रेस में राजमाता का चहीता बनने के लिए केवल एक हि मापदण्ड निर्धारित है और वो है या तो मनमोहन सिंह बन के रहो या फिर प्रधानमंत्री को जितना भला बुरा कह सकते हो कहो।
खडगे जी चुके हुए कारतूस हैं, इनकी ना तो पहले कोई राजनीतिक ज़मीन थी और ना अब है। ये कल भी एक परिवार के रहमोकरम पर थे और आज भी हैं, पर पता नहीं उन्हें क्यों लगता है कि, उनके खडकने से सारा देश खडग जाएगा, अरे खडगे साहेब आपके खडकने से तो एक आम कांग्रेसी कार्यकर्ता भी नहीं खडकता फिर कांग्रेस पार्टी और देश पर कैसे प्रभाव पड़ेगा।
खडगे साहेब कहते हैं, की कांग्रेस ने आजादी के संघर्ष में भाग लिया था और हमारे दो दो प्रधानमंत्री ने कुर्बानी दी, तुम्हारे घर का कोई कुत्ता भी मरा था तो बताओ…
खडगे साहेब आपने सही कहा कि कांग्रेस ने आजादी के संघर्ष से भाग लिया था, क्योंकि कांग्रेस को पैदा हि अंग्रेजो को राज करने में सहुलियत देने और देश के लिए अपना बलिदान देने के लिए कुछ भी करने को तत्पर महान क्रन्तिकारीयो की मुखबिरी करने के लिए हुआ था। इसीलिए नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने गाँधी और नेहरू को दो बार पटकनी देने के पश्चात कांग्रेस का त्याग कर दिया था और आज़ाद हिंद फौज का नेतृत्व सम्हाल लिया था।
आज़ाद, बिस्मिल, भगत, राजगुरु, बटुकेश्वर, सुखदेव, लाहिडी, बिपिन चन्द्र पाल अशफाक इत्यादि जैसे अनेक महान क्रांतिकारियों ने कांग्रेस की और कभी देखा भी नहीं, क्योंकि अंग्रेजो को गाँधी और नेहरू जैसे कांग्रेसी चाहिए थे। कांग्रेस में रहते हुए एक मात्र पंजाब केसरी को छोड़ दे तो शायद हि किसी ने एक डंडा भी खाया होगा। जिस समय परमवीर विनायक दामोदर सावरकर को दो काले पानी कि सजा हुई थी उस समय कांग्रेस का अध्यक्ष एक अंग्रेज विलियम वेडनबर्ग था और कांग्रेस उस अंग्रेज के निर्देशों पर काम कर रही थी।काकोरी की महान घटना जब घटित हुई और बिस्मिल सहित कई क्रांतिकारियों को पकड़ लिया गया था, तब अंग्रेजो की ओर से क्रांतिकारियों के विरोध में केस लड़ने वाला एक कांग्रेसी नेता जगत नारायण मुल्ला था, जो कांग्रेस के आलाकमान के निर्देशों पर कार्य कर रहा था।
देश में ट्रांसफर ऑफ पावर तो १५ अगस्त १९४७ को हुआ था, परन्तु उससे एक वर्ष पूर्व जब अंतरिम सरकार का निर्माण हुआ और गाँधी जी ने सरदार को भावनात्मक blackmail करके अपने चहेते नेहरू को प्रधानमंत्री बना दिया तो नेहरू ने इंग्लैंड के राजा के नाम पर शपथ लेते हुए और यूनियन जैक को सलामी देते हुए प्रधानमंत्री के पद को सम्हाला था। १८८५ में जन्मी कांग्रेस ने १९४७ से लेकर २०१४ तक हिंदुस्तान में राज किया यदि मध्य के ६ या ७ वर्ष हटा दे तो और यकीं मानिये अंग्रेजो ने जितना २०० वर्षो में लुटा उतना नहीं तो उससे कुछ हि कम की लूट कांग्रेस ने मचाई।
हजारों करोड़ के भ्रष्टाचार के आलावा कांग्रेस के कुछ कारनामें:-
१:- हिंदी चीनी भाई भाई का नारा लगाकर चिन को अक्साई चिन जैसा भारी भरकम क्षेत्र चिन को थाल में सजाकर दे दिया;
१अ:- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद कि सदस्यता को चिन के हवाले कर दिया;
२:- आधा कश्मीर पाकिस्तान को दे दिया;
३:- जो कश्मीर भारत में था उसे भी अनुच्छेद ३७० और ३५अ के माध्यम से भारतीय लोगों से दूर कर दिया;
४:- कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र संघ में ले जाकर इसका अंतराष्ट्रीयकरण कर दिया;
५:- पंचशील के पंचवर्षीय योजनाए लागुकर भारत की अर्थव्यवस्था को ४० वर्ष और पीछे धकेल दिया;
६:- जनता द्वारा चुने जानी वाली राज्य सरकारों को उखाड़ कर राष्ट्रपति शासन लगाने का रिकार्ड बनाया;
७:- आपातकाल लगाकर निरंकुशता का साशन थोपा;
८:- संविधान की आत्मा Prembale में ४२ वे संशोधन के जरिये secular और Social शब्द जोड़कर उसकी पवित्रता के साथ खिलवाड़ किया;
९:- मुसलिम पर्सनेल ला बोर्ड का निर्माण कर देश को धोखा दिया;
१०:- वक्फ बोर्ड के नाम पर पूरे देश में लैण्ड जिहाद का बीजारोपण किया आज वक्फ बोर्ड के पास रेलवे और सेना के बाद तीसरी सबसे बड़ी भूमि है;
११:- पाकिस्तान के साथ शिमला समझौता के जरिये भारत के हिस्से का पानी पाकिस्तान को दे दिया;
१२:- चिन से लगी भारत के सीमाओं से सटे क्षेत्रो का कभी विकास नहीं होने दिया;
१३:- १९९३ मे हुआ बम ब्लास्ट हो या २६/११ को मुंबई में हुए हमले कि बात हो कांग्रेस ने सदैव पाकिस्तान का साथ दिया, यंहा तक की हमारी वायु सेना स्ट्राइक करने को तैयार थी परन्तु इन कांग्रेसियों ने उन्हे इजाजत नहीं दी।
१४:- हिंदुओ को बदनाम करने के लिए भगवा आतंकवाद कि कहानी गढ़ी और फैलाया;
१५:- हिन्दुओ के सबसे बड़े धर्मगुरु शंकराचार्य को गिरफ्तार करवाया;
१६:- संसद के सामने गउ हत्या रोकने के लिए करपात्री महाराज के द्वारा बुलाए गए संतो के आंदोलन में संतो के ऊपर गोलियां चलवाइ;
१७:- भोपाल गैस कांड के मुख्य अभियुक्त को छोड़ने के लिए सौदेबाजी की और उसे भारत से भाग जाने में सहायता की;
१८:- २००८ में चिन के कम्युनिस्ट पार्टी के साथ गुप्त समझौता किया;
१९:- शाहबानो के केस मे मुसलिम तुष्टिकरण कि खातिर शरिया क़ानून लागु कर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को बदल दिया;
२०:- प्रभु श्रीराम के जन्मस्थली पर मंदिर बनने के मार्ग में जी भर रोड़ा अटकाया और यंहा तक की प्रभु श्री राम को काल्पनिक भी बतलाया;
२१:- १९०-९१ में कश्मीरी पंडितो को जल्लादों और भेडियों के हाथो मरने के लिए छोड़ दिया और कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से बाहर निकलवा दिया;
२२:- श्री लंका में हिन्दू तामिलो की हत्या करवाई;
२३:- अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को भी नहीं छोड़ा उसमे भी गोलीबारी करवाई और नुकसान पहुंचाया।
२४:- गोधरा का जिक्र कैसे ना करें उसमें भी जो मुख्य अभियुक्त था वो इन्ही लोगों का पाला पोसा था;
२५:- भारत के नोट छापने वाली मशीन को पाकिस्तान की एक कम्पनी को बेच दिया;
२६:- एनरॉन और भारत देश के मध्य चल रहे अंतर्राष्ट्रीय मामले में भारत का पक्ष रखने के लिए पाकिस्तान का वकील नियुक्त किया और जैम के कमीशन खाया इत्यादि
और हम क्या क्या कशीदे पढ़े इन कांग्रेसियों के कारनामो के जिन्होंने सरदार, नेताजी, आज़ाद, भगत, सावरकर, शास्त्री और सनातन धर्म सबके साथ केवल और केवल छल और कपट ही किया और उसपे तुर्रा ये कि कांग्रेस ने आजादी के संघर्ष में भाग लिया, मित्रों सच्चाई तो ये है कि कांग्रेस ने अंग्रेजो के साथ मिलकर १५ अगस्त १९४७ तक तथा उसके बाद कई वर्षो तक हिंदुस्तान में अंग्रेजो का जरखरिद गुलाम बन कर शासन किया।
और यही कारण था कि पिता अपने को accidental हिन्दू मानता था और बेटी अफगानिस्तान में बाबर के कब्र पर फूल माला चढ़ाती थी।
उपदेशो हि मूर्खणां प्रकोपाय न शान्तये ॥
उपदेशो न दातव्यो यादृशे तादृशे जने ॥
जैसा की हमारे शास्त्रों में उचित और समुचित रूप से कहा गया है कि उपदेश से मूर्खो का क्रोध और भी भड़क उठता है, शान्त नहीं होता। जिस-तिसको उपदेश देना उचित नहीं। इसी प्रकार कांग्रेस और कांग्रेसी को उपदेश देना उचित नहीं है।
काचे मणिः मणौ काचो येषां बिध्दिः प्रवर्तते ।
न तेषां संनिधौ भृत्यो नाममात्रोSपि तिष्ठति ॥
कांच को मणि और मणि को कांच समझने वाले राजा के पास नौकर तक भी नहीं टिकते । कांग्रेस पहले भी यही गलती करती थी और आज भी यही कर रही है।