तेरे कुकृत्यों के कारण जयवीर सभी शर्मिंदा थे,
जब टुकड़े हुए थे भारत के तब गांधी तुम भी जिंदा थे।
अरे बस तारीफ करते मजहब की और धर्म की करते निंदा थे।
जब टुकड़े हुए थे भारत के तब गांधी तुम भी जिंदा थे।
डायरेक्ट एक्शन में बिछी लाशों को खाते गिद्ध परिंदा थे।
जब टुकड़े हुए थे भारत के तब गांधी तुम भी जिंदा थे।
महात्मा नाम रखा टैगोर ने ब्रिटिश के जो मिठबोले थे।
बाला के संग सोते नंगे इतने भी नहीं तुम भोले थे।
सत्य के प्रयोग से तेरे गांधी, होते साधु शर्मिंदा थे।
जब टुकड़े हुए थे भारत के तब गांधी तुम भी जिंदा थे।
गणेश शंकर जी के हत्या पर गांधी ना किए तनिक तुम निंदा थे।
पुन्निलाल के वचनों से भी ना हुए तनिक शर्मिंदा थे।
निर्लज्जता की हद तो देखो फिर भी कैसे तुम ज़िंदा थे।
जब टुकड़े हुए थे भारत के तब गांधी तुम भी जिंदा थे।
सबका खुदकों बापू माना खुद में खुद का ही अभिमाना
खुद के बापू के मौत पे गांधी तुम चादर ताने नंगा थे।
अरे रोती रही कस्तूरवा बाई फिर भी तुम यौनमतंगा थे।
जब टुकड़े हुए थे भारत के तब गांधी तुम भी जिंदा थे।
जीतने भी थे वीर सेनानी सब करते तेरी निंदा थे
अहिंसा के आढ़ में गांधी करवाते हिंशक दंगा थे।
अहिंसा के पूजरी नहीं तुम हिंशक गिद्ध दरिंदा थे।
जब टुकड़े हुए थे भारत के तब गांधी तुम भी जिंदा थे।
ना होता तेरा वद्ध जो गांधी
रोते हिन्दू घुट घुट अब भी
जय हो वीर गोडसे जी की
जिन्होने तुझसे युद्ध किया
वद्ध किया एक राक्षस का
और हिंदुस्थान को शुद्ध किया।
यही लक्ष्य है मेरे जीवन का, फिर से सम्मान वो पाना है।
ये हिंदुस्तान है हिन्दू का, इसे हिंदुस्थान बनाना है।
वीर सावरकर जी की जय हो
वीर नाथुराम गोडसे जी की जय हो
नेता जी शुभाष चन्द्र बोस जी की जय हो
श्री गणेश शंकर विद्यार्थी जी की जय हो
वीर सावरकर जी के विचार अमर रहें।
॥जय श्री राम जय जय श्री राम॥