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Swaminathan Jha
यह प्रबल समय की मांग है हिंदुत्व मेरी पहचान है।।
जलता हुआ अघोर अनल जैसा मेरा अभिमान है
मैं हूं धरा का भूमि पुत्र मुझसे इसकी पहचान है।
जो करता लोक संकट संघार उसमें मेरा ही नाम है
मैं हूं विलीन और शकल गगन यह भी मेरा वरदान है।
यह प्रबल समय की मांग है हिंदुत्व मेरी पहचान है।।
मैं करता राष्ट्र निर्माण निरंतर और यही मेरा प्रमाण है
ना झुकना मेरा कर्म और राष्ट्रहित ही मेरा गान है।
ना किया किसी पर अत्याचार ना किया अकारण ही प्रहार
मैं सदाचार से घिरा निरंतर यह भी मेरा गुणगान है
यह प्रबल समय की मांग है हिंदुत्व मेरी पहचान है।।
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गोडसे की याद में
क्या जो 1947 में जो मिली वो आज़ादी थी या बटवारा था उस हिंदुओं के धरती का जिसे प्रभु श्री राम, चन्द्रगुप्त, नेताजी, महाराणा प्रताप, वीर सावरकर, स्वामी विवेकानन्द, स्वामी दयानन्द, जगदगुरु शंकराचार्य आदि वीरों ने महापुरुषों ने अपने बलिदान से अपने ज्ञान अपने शौर्य से अपने पराक्रम से अपने वीरता से निर्माण किया था।