Saturday, April 20, 2024
HomeHindiहिन्दू प्रवासी कामगारों का सोशल मीडिया लिंचिंग

हिन्दू प्रवासी कामगारों का सोशल मीडिया लिंचिंग

Also Read

rahulvats
rahulvats
रथ मूसल - शिलाकंटक चालक, मल्ल महाजनपद से ।

भारत एक बाज़ार के रूप में जब तक रहेगा तब तक वैश्विक परिदृश्य में भारत को वैश्विक शक्तियों द्वारा स्वीकार्य किया जाएगा!
और इसके विपरीत अगर भारत एक राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ता है तो हर वो संभव कृत्य होगा जिससे भारत की छवि और राष्ट्रीय चेतना धूमिल हो।

इस करोना संकट के काल में भारत के कथित बुद्धजीवियों एवं पत्रकारों द्वारा अपने आका और अंतर्राष्ट्रीय सिंडीकेट के माध्यम से भारत में “फासीवाद और हिटलर” के भूत का प्रपंच पैदा किया जा रहा है।

मेरे लिखने के समय तक ट्विटर पे इस्लामोफोबिया को टॉप ट्रेड कराया जा रहा है, वॉशिंगटन पोस्ट से लेके जर्मन के DW और बीबीसी पे बड़े बड़े लेख लिखे जा रहे है कि कैसे भारत में आंतरिक असंतोष और भय पैदा हो रहा है।

जो भारत अपने मूल्यों एवं आदर्शो के लिए प्रतिबिंबित है विविधता, समता और सहजता जिसके हर अणु-परमाणु में है आज उसे सिर्फ अपने वैचारिक वर्चस्व के कारण स्वाद लेे-लेे कर संगठित रूप से निशाना बनाया जा रहा है और तो और यहां की बहुसंख्यक जनता को नाजियों का भाई बताया जा रहा है, उनके पूजा-पद्धति एवं धार्मिक प्रतीकों को तब तक निशाना बनाया जा रहा है जब तक की वे विरोध ना करे और जब वो इसका प्रतिकार करते है तो बहुसंख्यक का अत्याचार और डर का माहौल जैसे शब्दों का प्रयोग कर उन्हें अपराधी घोषित कर स्वयं न्यायधीश बन फैसला सुना ते है और उनकी हर बात को आपत्तिजनक बोल के उनकी आवज दबा देेेते है।

अगर बात सोशल मीडिया में मचे उथल-पुथल की करे तो विभिन्न वर्गो के बीच एक दूसरे के प्रति प्रतिकूल टिप्पणयों की भरमार है और वर्तमान समय का एक कड़वा सच है परन्तु इस तरह की नकारात्मक बातें करने वाले लोग किसी भी व्यवस्था का प्रतिनिधित्व भी नहीं करते ये भी उतना ही सच है, तो फिर क्यों संस्थागत और संगठित तरीके से पूरे राष्ट्र को निशाना बनाया जा रहा है भारत के स्वघोषित मसीहा पत्रकार और इनके गिरोहों द्वारा सोशल मीडिया पे मौजूद एक तरफा कमेंट को लेकर मध्यपूर्व में नौकरी करने वाले हिन्दुओं को टारगेट क्यों किया जा रहा है? आखिर क्या बात है कि अभी इस करोना महामरी के समय 5 -5 वर्ष पूर्व सोशल मीडिया के कॉमेंट को खोद – खोद के निकाल कर हिन्दू धर्म के लोगो को निशाना बनाया जा रहा है?

इनके द्वारा फैलाए गए उपद्रव का ताजा उदहारण है यूएई के राज परिवार की एक महत्वपर्ण सदस्य द्वारा भारत के लोगो पर ईशनिंदा का आरोप लगा कर उनमें भय उत्पन्न किया जा रहा है और सबसे बड़ी विडंबना ये है कि भारत की कथित मेन स्ट्रीम मीडिया इसको अपनी जीत बता रही है कि कैसे हमने यूएई के द्वारा दबाव बना कर भारत सरकार को घुटने पे लेे आये, और इस घटनाक्रम पे खुद ही अपनी पीठ थपथपा रहे है जो की बहुत ही डरावना और विभित्स है भारत के राष्ट्रीय स्वरूप के लिए..

ये लोग वहीं है जो हिन्दू देवी देवताओं के नग्न और अश्लील चित्र बना के अपनी मौलिकता का भौंडा प्रदर्शन करते है और जब इनकी आलोचना होती है तो यही लोग अल्पसंख्यक विक्टिम कार्ड खेल कर इस तरह माहौल उत्पन्न करते है कि भारत में अल्पसंख्यक असुरक्षित है और वैश्विक मंचो पे उलूल – जुलूल प्रलाप करने लगते है और फिर इनके प्रपंच की अगली कड़ी में यही यूएई और गल्फ के अन्य देश इन कथित कलाकारों एवं मजहबी प्रचारकों को प्रश्रय देते है जो कि आज खुद सोशल मीडिया के वाद – विवाद को एकतरफा मजहबी चस्मे से देख कर भारत को इस्लामोफोबिया बताने से नहीं चूक रहे है।

हमारे देश में हमेशा लोकतंत्र और संविधान की दुहाई देने वाले लोग आज अपनी व्यक्तिगत कुंठा को शांत करने के लिए भारत में मजहबी चाशनी से युक्त नए – नए खलीफा अपने लिए नियुक्त कर रहे है और खुद की अपनी जीत बता रहे है और इन्हें लग रहा है कि सरकार पे दबाव बनाने के लिए यह बहुत उपयुक्त समय है।

और सोने पे सुहागा ये है कि भारत के कुछ वैचारिक उन्मादी प्रवृत्ति के पत्रकारों द्वारा सोशल मीडिया में भारतीय हिन्दू प्रवासी कामगारों में भय पैदा करने में अपना कोई कसर नहीं छोड़ रहे है और साथ ही साथ बहुसंख्यक समुदाय को एक प्रकार की अघोषित रूप से चेतावनी भी दे रहे है कि बेटा कायदे में रहो हम तो 52 मुमालिक है।

वर्तमान समय की कुछ घटनाक्रम जैसे इस्लामिक देशों के समूह द्वारा भारत की आलोचना एवं अन्य इस्लामी देशों से गाहे बगाहें प्रतिकूल टिप्पणियों से भारतीय जनमानस में ये विमर्श की स्थिति उत्पन्न हो गई है कि कैसे हर छोटी सी छोटी घटना को मजहबी रंग देकर वैश्विक लामबंदी की जा रही है और यह एक प्रकार की खतरे की घंटी है।

भारत का यह बहुसंख्यक समूह जो अपनी आस्था और जीवन पद्धति के कारण हमेशा निशाने पर रहता आया है क्या अब उसे गली-कूचो की नोक झोंक के लिए भी वैश्विक स्तर पे प्रताड़ित होना पड़ेगा।

क्या वर्तमान सोशल मीडिया का यह कम्पेन एक ट्रेलर मात्र है …

~~~~~राहुल वत्स

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

rahulvats
rahulvats
रथ मूसल - शिलाकंटक चालक, मल्ल महाजनपद से ।
- Advertisement -

Latest News

Recently Popular