मंदिरों को स्वतंत्र कराना, गौहत्या पर रोक लगवाना, विद्यालयों में हिन्दू धर्म की शिक्षा को आरंभ कराना, सरकारी योजनाओं में हिन्दुओं के प्रति भेदभाव को समाप्त कराना, अभद्र टिप्पणियों की रिपोर्ट करना इत्यादि अनेकों समस्याएं विद्यमान हैं। इन समस्यायों से छुटकारा पाने लिए यह बहुत आवश्यक है कि हिन्दुओं को इनकी समाप्ति के उपाय एवं उनकी कानूनी प्रक्रिया का ज्ञान हो।
भारत के कुछ वैचारिक उन्मादी प्रवृत्ति के पत्रकारों द्वारा सोशल मीडिया में भारतीय हिन्दू प्रवासी कामगारों में भय पैदा करने में अपना कोई कसर नहीं छोड़ रहे है और साथ ही साथ बहुसंख्यक समुदाय को एक प्रकार की अघोषित रूप से चेतावनी भी दे रहे है कि बेटा कायदे में रहो हम तो 52 मुमालिक है।