चमचमाती सड़कें, हर घर में बिजली, गैस, शौचालय, दुगनी तेज़ी से बढ़ती देश की अर्थव्यवस्था, महाकाल जैसा सेना का रूप, देश के अंदर शांती और खुशहाली। हाँ, मेरा देश कब का बदल चुका है। तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। लेकिन अफ़सॊस हम नहीं बदले। हमारा व्यवहार नहीं बदला। हमारे अंदर की गुलामी नहीं बदली। हमारा अज्ञान नहीं बदला। एक व्यक्ती दिन रात हमारे कल्याण के लिए महनत कर रहा है और हम अपने ही देश को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं।
पाकिस्तान और भारत के बीच में तनाव के इस घड़ी में हम आम नागरिक किस तरह प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं? हमारी बिकी हुई मीडिया किस प्रकार का व्यवहार कर रही है? पूरी दुनिया हमें देख कर हंस रही है। दुनिया में ऐसा कॊई देश नहीं होगा जो सेना, जवान और सैन्य की कारवाही के बारे में चौबीसॊं घंटे लगातार अपने चानलों में पैनल डिस्कशन करवाता हो। कॊई नागरिक ऐसा नहीं होगा जो अपने जवानों की तस्वीरों को सॊशियल मीडिया पर डलाकर लाईक्स और शेर मांगता हो।
सेना की कार्य-यॊजना बड़ी ही गोपनीय होती है। सर्जिकल स्ट्राईक तो दूर की बात है, सरहद पर आतंकवादियों से लोहा लेने वाले जवानों के बारे में भी किसी को पता नहीं लगना चाहिए। सरहद की रखवाली करने वाले जवान देश की धरॊहर है। उनकी तस्वीरें, उनकी निजी जानकारी, उनका बेटालियन व परिवार सब कुछ गॊपनीय रखा जाना चाहिए। लेकिन हमारे यहां लोग बड़-चड़ कर इनकी तस्वीरें एक दूसरे के साथ साझा कर रहें हैं। उनका नाम लेकर सर्जिकल स्ट्राईक-एर स्ट्राईक में भाग लिए जाने का दावा करते हैं। ऐसा करते समय इन मंदबुद्दियों के दिमाग में इतनी सी भी बात नहीं आती कि वे देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं!
जो लोग सॊशियल मीडिया व मुख्य धारा के मीडिया में जवानों की तस्वीरें, उनकी निजी जानकारीयों को साझा करते हैं इनमें और ‘वंदे भारत’ ट्रेन पर पत्थर फेंकने वालों में खास अंतर नहीं हैं। एक समाज के लिए घातक है तो दूसरा सुरक्षा के लिए। कृपा करके देश की सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील जानकारीयों को साझा ना करें। दुश्मन देश के बाहर ही नहीं, अंदर भी हैं। आप की एक गलती की वजह से देश को बहुत बड़ा खतरा उठाना पड़ सकता है। देश कब का बदल चुका है, अब बारी हमारी है।
मुश्किल की इस घड़ी में थॊड़ा अकल से काम लीजिए। अपने गुस्से, जॊश, उमंग, उत्साह पर काबू रखना सीखिए। देश के लिए क्या सही है और क्या नहीं यह हमसे बेहतर मोदी सरकार व देश की सेना जानती है। अपने जोश के चलते होश मत खो बैठिये। आपकी बचकानी हरकतों का खामियाज़ा कहीं देश के जवानों के परिवार या सरकार को भुगतना ना पड़े। अफवाह और झूठी खबरों को बिना जांचे-परखे सॊशियल मीडिया पर वैरल ना करें। तनिक समझदारी व संवेदनशीलता से काम करें। मॊदी सब ठीक कर देंगे विश्वास रखिए।