दुःख से बड़ा दुःख का प्रस्तुतीकरण बनता जा रहा है. दुःख से परे उसके प्रस्तुतीकरण पर संवेदनाओं और आंसुओं की बाढ़ जो आ गयी है उसे देखकर लगता है जन जन दुखभंजन बनना चाहता है.
कोरोना महामारी के चलते जब हमारा राष्ट्र कई समस्याओं से लड़ रहा है तब संघ के कार्यकर्ताओं में विलीन स्वयंसेवक्त्व उन्हें सरकारी नियमों में रह कर जोड़े रख रहा है और व्यक्ति से व्यक्ति, व्यक्ति से समाज और समाज से राष्ट्र की सेवा करने को प्रेरित कर रहा है।
Feminism was and is a good and powerful tool but the Left-Liberals have made it a weird thing. Radical feminists literally hate men and blame everything on patriarchy when things don’t go their way.