Saturday, November 2, 2024
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सुशांत सिंह राजपूत के लिए इंसाफ की गुहार

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क्या इस ज़माने में अपने सपनों की उड़ान भरना गलत है? क्या अपने सपनों को साकार करना के अथक प्रयास में खुद को भूला देना, इतनी बड़ी गलती है की आप के जीवन का कोई भी मोल नहीं रहता है? क्या ये सब जीवन की कड़वी सच्चाई को बयान करते हैं?

सुशांत सिंह राजपूत के केस में जो हो रहा है, वो सब क्या दर्शाता है? उस बारे में आपका क्या सोचना है? क्या आपको नहीं लगता की उसको इंसाफ मिलना जरूरी है? ये दुनिया वालों की निर्दयता को उजागर करता हुआ साक्षात उदाहरण है। क्या आप ऐसा नहीं सोचते हैं की अगर आज सुशांत जैसे बड़े कलाकार को न्याय नहीं मिल पा रहा है, तो आपकी और हमारी बात छोड़ ही दें। क्या आपको दूसरे के दर्द का बिलकुल भी एहसास नहीं होता है? क्या कभी दूसरों के दुःख दर्द देखकर आपका दिल नहीं भर आता?

जब एक तरफ सुशांत सिंह राजपूत जैसी बड़ी हस्ती के लिए आम लोग इंसाफ की गुहार करते थक नहीं रहे हैं, वहीँ दूसरी तरफ सरकार और बॉलीवुड दिगज्जों की तरफ से कोई भी आवाज़ नहीं आ रही है, ऐसा क्यों? अंदर ही अंदर सब लोग यह बात बहुत अच्छे से जानते हैं की सुशांत के साथ कितनी नाइंसाफी हुई है। फिर भी कोई इस बारे में खुल कर कुछ नहीं बोल रहा है। कान में रुई लगा लेने से आवाज़ें आना बंद नहीं हो जाती है। सुशांत को इंसाफ मिलने में इतनी देरी हो रही है पर इंसाफ तो उसको मिलकर कर रहेगा लेकिन क्या हम अपना फ़र्ज़ निभा रहे हैं या मौन बनकर सब कुछ होते हुए देख रहे हैं?

यह इंसाफ मिलना उन लोगों के लिए भी जरूरी है जो सच्चाई के मार्ग पे चल तो रहे हैं पर उनके लिए काटें बोने वालों की कमी नहीं है। यही समझ लीजिये कि जो लोग सच की रह पर चलते हैं, आजकल उनका स्वागत फूलों से नहीं बल्कि काटों से किया जाता है । फिर भी सच्चा इंसान स्वयं चुनी इस राह पर गर्व से चलता है, गिरता है और फिर संभालता भी है, पर सच का साथ नहीं छोड़ता है । कभी मजबूर भी हो जाए, तो भी खुद को सँभालने की बहुत कोशिश करता रहता है।

अगर आज भी आप सब चुप रहेंगे, तो आगे आने वाली पीढ़ी से क्या कहेंगे? आज इंटरनेट के ज़माने में, जब सबके पास घर घर में इंटरनेट लगा हुआ है, तब भी आप जुल्म के खिलाफ आवाज़ नहीं उठा रहे हैं? चुप रहकर, आप युवा पीढ़ी के लिए एक गलत उदारहण स्थापित कर रहे हैं। आपका मौन बुरी ताकतों का हौसला बड़ा रहा होगा। किसी के साथ कुछ भी बुरा करो, कोई कहना या बचाने वाला नहीं। आप क्या चाहते हैं की आगे आने वाली पीढ़ी सही और गलत का भेद नहीं समझे। उसके मन में जो भी हो, फिर चाहें वो सही हो या गलत हो, वो उसी को करें, बिना सही और गलत की पहचान के। वो किसी भी गलत काम को करते समय, किसी से भी डरे नहीं। सब लोग इन्साफ की बातें करते हैं पर कितने लोग उस बारें में खुल कर बोलते हैं।

आज तक जो भी होता आया है, जरूरी नहीं की हमेशा वो ही होता रहेगा । क्या कभी किसी ने सोचा था की एक बीमारी दुनिया भर में फैल जाएगी और सब लोग घर में स्वतः ही कैद हो जायेगें। अगर नहीं तो इस दुनिया में कुछ भी कभी भी बदल सकता है। पर हम सब लोग अपना कर्म करना छोड़ दे, ये भी तो सही नहीं है। इसलिए अन्याय करने वाला जितना गलत होता है, उतनी ही गलत अन्याय सहने वाला भी। अगर आज आप चुप रह गए, तो आप दूसरों को भी गलत करनी की प्रेरणा देंगे। कृपा याद रखिये, आप दूसरों के साथ वैसे ही व्यवहार करें, जैसा आप अपने साथ पसंद करते हों।

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