पाकिस्तान के प्रधान मंत्री की अमेरिका के हवाई अड्डे पर सारे कपड़े उतारकर तलाशी ली गयी है. इस खबर की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो चुकी हैं. देखा जाए तो यह कपडे सिर्फ पाकिस्तानी पीएम के ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के उतारे गए हैं और अमेरिका ने एक बार पूरी दुनिया को “आतंकवाद का मजहब” बताते हुए पाकिस्तान को सभी के सामने निर्वस्त्र कर दिया है.
भारतीय मीडिया और टीवी चैनलों के साथ साथ खुद पाकिस्तानी मीडिया और टीवी चैनल इस खबर को काफी रोचकता के साथ पेश कर रहे हैं. दरअसल यह मामला इतना सीधा नहीं है, जितना लग रहा है. कपड़े सिर्फ पाकिस्तानी पीएम या पाकिस्तान के ही नहीं उतरे हैं. हमारे अपने ही देश में ऐसे हज़ारों लोग हैं तो खाते तो हिन्दुस्तान का हैं लेकिन गाते पाकिस्तान का हैं. उन सब के भी यकायक सभी कपड़े उतर गए हैं.
आइये देखते हैं, ऐसे कौन कौन से लोग हैं, जिनके कपड़े इस घटना के बाद से उतर गए हैं :
१. वे सभी लोग जो भाजपा की हार पर “पाकिस्तान जिंदाबाद-भारत तेरे टुकड़े होंगे” के नारे लगाते हैं, उनके सभी कपड़े इस घटना के बाद से उतर गए हैं.
२. वे सभी लोग जो जेएनयू जैसे तथाकथित शिक्षा संस्थानों में “पाकिस्तान जिंदाबाद” और “भारत तेरे टुकड़े होंगे” के नारे लगाते हैं, वे सब तो निर्वस्त्र हो ही गए हैं, उनके साथ उन तथाकथित नेताओं के भी कपड़े उतर गए हैं, जो इन देशद्रोहियों का समर्थन करने के लिए जेएनयू में जाकर भाषणबाज़ी करते हैं.
३. कपड़े तो कांग्रेस पार्टी के उन नेताओं के भी उतर गए हैं तो पाकिस्तान जाकर वहां की सरकार से “मोदी को हटाने” की मांग करते आये हैं. सवाल यह है कि जो देश अपने प्रधान मंत्री के कपड़े उतरने से भी नहीं बचा सकता, वह मोदी का भला क्या बिगाड़ लेगा ?
४. कपड़े तो उन “अवार्ड वापसी गैंग” के सभी सदस्यों के भी उतर गए हैं जो पाकिस्तानी आतंकवादी याकूब मेमन को फांसी दिए जाने के विरोध में अपने “अवार्ड” वापस कर चुके हैं.
५. याकूब मेमन को फांसी पर चढ़ने से रोकने के लिए जिन लोगों ने राष्ट्रपति महोदय से माफी की गुहार लगाई थी और उनमे से कुछ लोग तो रात के दो बजे सुप्रीम कोर्ट तक उसकी फांसी की सज़ा को रुकवाने के लिए पहुँच गए थे. जाहिर है कि इन सभी पाकिस्तान प्रेमियों के भी कपड़े पूरी तरह उतर गए हैं.
६. भारत में बैठे जिन पाक-प्रेमियों के कपड़े इस घटना के बाद से यकायक उतर गए हैं, वे सभी मिलकर मोदी को २०१९ के चुनावों में टक्कर देने के लिए एक “महाठगबंधन” बनाने जा रहे हैं. अब इस तरह का “ठगबंधन” मोदी के लिए कितनी बड़ी चुनौती खड़ी कर पायेगा, इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल काम नहीं है.