एक सिनेमा हॉल के दरवाज़े पर जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, रणदीप सुरजेवाला, खडे हैं. दरवाज़ा खोल कर सभी अंदर प्रवेश करते हैं. स्क्रीन पर स्टार वॉर फिल्म जारी है. तीनों किसी को तलाश करने की कोशिश कर रहे हैं. तभी उनकी नज़र जहाँ जाती है वहाँ एक व्यक्ति कुर्ते की आस्तीन खींचता नज़र आता है और तीनों के चेहरे खिल जाते हैं. दौड कर तीनों उस के पास जाते हैं. चारों के बीच कुछ बातें होती हैं और वह हॉल से बाहर आ जाते हैं.
त्रिगुट का एक सदस्य चौथे शख़्स को आईफोन पर किसी न्यूज़ चैनल की स्ट्रीमिंग दिखाता है. स्क्रीन पर कैप्शन आता है: काँग्रेस की गुजरात में नैतिक विजय. चारों खिलखिलाते हैं और हाथ मिलाते हैं. चौथा कुछ कहता है और बाक़ी तीनों फोन पर कुछ बातें करते हैं और फिर चारों इक एस यू वी में बैठ कर चले जाते हैं. कार पार्टी के दफ्तर के सामने रूकती है तभी पत्रकार चारों को कार से उतरते ही घेर लेते हैं.
एक पत्रकार पूछता है, “क्या यह सच है कि जब चुनाव के नतीजे आ रहे थे तब आप फिल्म देख रहे थे?” चौथा व्यक्ति मुस्कुराते हुए जवाब देता है, “क्या आपको पता नहीं हमारी नैतिक विजय हुई है?” पत्रकार कहा, “पत्रकारों ने भी यही कहा है”. चहरे पर हास्य के साथ चौथे व्यक्ति ने अपनी बात आगे रखते हुए कहा, “वैसे भी यह तो सिर्फ एक झडप थी, मैं तो डेढ साल बाद के युद्ध की तैयारी में जुट गया हूँ. स्टार वॉर देखना उसी रणनीति का हिस्सा है. बहुत आगे की सोचता हूँ मैं और लोकसभा चुनाव के लिए मैंने अभी कार्यकारिणी की आपात बैठक भी बुलाई है. धन्यवाद! बैठक के बाद मिलते हैं.”
चारों अंदर एक हॉल में चले जाते हैं. थोडी देर में कुछ और पार्टी नेता वहाँ आते हैं और बैठक शुरू हो जाती है. चौथा व्यक्ति बोलना शुरू करता है और सबके चेहरे खिल जाते हैं. बैठक समाप्त होती है और सब बाहर आते हैं. नेता प्रतीक्षारत मीडिया को संबोधित करते हुए कहता है कि हमने लोकसभा चुनाव की अभेद्य रणनीति बना ली है. एक पत्रकार पूछ्ता है, “क्या है यह अभेद्य रणनीति”? उत्तर मिलता है, “हम नैतिक विजय हासिल करेंगे और इसकी घोषणा पक्षपाती चुनाव आयोग नहीं, हमारे पत्रकार मित्र करेंगे, धन्यवाद.”