Friday, April 19, 2024
HomeHindiभारतीय लिबरल (उ'धा'रवादी)

भारतीय लिबरल (उ’धा’रवादी)

Also Read

Kr. Gautam
Kr. Gautam
That B.tech guy in your neighbourhood. Introvert.

फिल्म दंगल से शोहरत पाने वाली 16 साला अभिनेत्री जैरा वसीम को जब मुस्लिम कट्टरपंथियों के दबाव में माफ़ी मांगनी पड़ी और हमारे देश के तथाकथित लिबरल (उधारवादी लोग) मुंह में दही जमाये बैठे थे तब मेरे मन में ये विचार आया कि क्यों न एक बार लिबरलिस्तान घूम आया जाये। वैसे तो हिंदी में लिबरल का मतलब उदार होता है और ऐसी सोंच वाले लोग उदारवादी कहलाते हैं पर हमारे देश के लिबरल्स के रवैये को देख के इन्हें उधारवादी कहना हीं ठीक होगा क्योंकि उनकी उदार सोच उधार मांग के लायी गयी सोच लगती है और ये सोच सिर्फ तभी सामने आती है जब चंद दक्षिणपंथी हिन्दू इनके सोच की कसौटी पे खड़े नही उतरते। मैं कल अनुराग कश्यप जी के ट्वीट पढ़ रहा था जो उन्होंने राहुल राज जी (जो हम सब की तरह हीं उनकी चुप्पी का कारण जानने के लिए उत्सुक थे) के सवाल के जवाब में किया था। उसी समय मेरे मन में “आओ बच्चों तुम्हे दिखाए झांकी हिंदुस्तान की” के बोल उमड़े और ये पंक्तियाँ लिखी मैंने।

आओ मित्रों तुम्हे दिखाएं लिबरल हिन्दुस्तान के
घोर अमावस नियत इनकी बनते हैं महान ये
सूडो लिब्रलम, सूडो लिब्रलम…..

मीडिया में रखवाली करता NDTV
विराट है
कलाजगत में चरणों को धोता बॉलीवुड सम्राट है
साहित्य, कला, पत्रकारिता, संस्था सब में इनकी जमात है
गरीबों की इन्हें फ़िक्र सताती पर इनके निराले ठाठ हैं
बातों के हैं वीर बहुत पर अक्षम हैं ये कान से
घोर अमावस नियत इनकी बनते हैं महान ये
सूडो लिब्रलम, सूडो लिब्रलम…..

देखो ये वो JNU है जहाँ कन्हैया बोला था
भारत के संविधान को जिसने अफजल के खून से तोला था
जब “भारत तेरे टुकड़े होंगे” इस फिजा में घोला था
इसे आजादी अभिव्यक्ति की लिबरलों ने बोला था
निंदनीय इस घटना का भी कर रहे थे गुणगान ये
घोर अमावस नियत इनकी बनते हैं महान ये
सूडो लिब्रलम, सूडो लिब्रलम…..

हिन्दू के त्योहारों पे ये हैं आते बना के टोलियाँ
पटाखे न छोड़ो दीवाली पे, ना खेलो तुम होलियाँ
सजाते हैं ये क्रिसमस ईद पे दोहरेपन की रंगोलियाँ
अटक जाती है तब न जाने क्यूँ हलक में इनकी बोलियाँ
कायम रहते दोहरेपन पे ये सब सीना तान के
घोर अमावस नियत इनकी बनते हैं महान ये
सूडो लिब्रलम, सूडो लिब्रलम…..

सुर मिला रही देखो बरखा भारत की बर्बादी में
ढूंढ रही इसे दसों हुतात्मा टाइगर हिल्स की वादी में
ये है देखो राजदीप, दंगे से नाम बनाया था
जब इसने गुजरात में जा के लहू का मोल लगाया था
आतंकवाद का रंग है भगवा चलते हैं ये मान के
घोर अमावस नियत इनकी बनते हैं महान ये
सूडो लिब्रलम, सूडो लिब्रलम…..

राना, शोभा, सबा, सागरिका ये सब पत्रकार हैं
भट्ट, खान, कश्यप और जौहर कहते फिल्मकार हैं
अशोक, मुनव्वर और नयनतारा ये सब साहित्यकार हैं
और भी हैं बहुतेरे ऐसे “लिबरल” जिनके विचार हैं
हाथ नही कुछ आएगा इनके विचारों को लिबरलिज्म की छलनी से छान के
घोर अमावस नियत इनकी बनते हैं महान ये
सूडो लिब्रलम, सूडो लिब्रलम…..

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

Kr. Gautam
Kr. Gautam
That B.tech guy in your neighbourhood. Introvert.
- Advertisement -

Latest News

Recently Popular