धर्मनिरपेक्षता भारत का कोढ़ है तथा यह देश के उत्थान में एक कंटक है। इसे सनातन राष्ट्र घोषित करना आवश्यक है तथा इसमें विलम्व अत्यंत घातक हो सकता है। सत्य तो यह है कि यह एक नीति राष्ट्र के अनेकों समस्याओं का निराकरण स्वतः ही कर देगी।
इस समाज को यदि जातिवाद के जाल से निकलना है तो, इतिहास को सही परिप्रेक्ष्य मे पढ़ाना होगा, सभी जन मानस को समान समझना होगा और पुत्र मोह को त्यागना होगा, तभी हम एक सभ्य समाज कि रचना कर सकते है जिसकी कल्पना हमारे पूर्वजों ने की थी।
There is a nexus between corrupt in both private and public sector across the globe in almost all line of businesses operating in finance, land and media.