Monday, May 20, 2024

Hindi

एक चवन्नी के दम पर चलता है पचास रूपये का काला धन, जानिये कैसे

500 और 1000 रूपये के पुराने के नोट बंद करने पर गोविंदाचार्य जी की राय गलत है।

प्रोपगैंडा की आज़ादी

आज का दर्शक-पाठक जागरूक हो गया है रवीश जी। आप जिस रंग के चश्मे को लगा कर समाचार लिखते-दिखाते हैं, जरूरी नहीं कि वो उसी रंग के चश्मे से उसे पढ़े-देखे। वो अब पढ़ता-सुनता-देखता है और फिर सोचता है कि आपके बताये-दिखाये खबर में कितना सच है और कितना वैचारिक पक्षपात।

परजीवी उदारवादी

The parasitic liberals of India

चाटुकारिता नहीं आती तो काँग्रेस छोड़ दो

कांग्रेस के चाटुकारिता पर एक व्यंग

खुला पत्र रवीश कुमार के नाम

आप ख़ुद को unbiased कहते हैं, पर आप हैं नहीं। इसके लिये मैं आपके एक episode की याद दिलाता हूं, जिसमें आपने बिरयानि पर शो किया था।

उरी का प्रतिशोध – एक कविता

एक गूँज उठी उस रात में, हाहाकार मची चारों ओर, जब अश्वथामा आया चुपके से, ले हाथ तलवार बिना शोर...

धर्म की राजनीति

जब तक हम धर्म की तथ्यात्मक आलोचना करने से बचते रहेंगे तब तक हम अतिवाद से मुक्त नहीं हो पायेंगे।

क्या युद्ध जरुरी है?

पाकिस्तान को उसकी औकात में रखने के लिए हमें अंतराष्ट्रीय स्तर पर उसका बहिष्कार करने के साथ - साथ गोरिल्ला नीति बनाकर पाकिस्तान में जगह - जगह चल रहें आतकंवादी ठिकानों को ध्वस्त करना होगा।

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