Thursday, March 28, 2024
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RaviPawar

प्रोपगैंडा की आज़ादी

आज का दर्शक-पाठक जागरूक हो गया है रवीश जी। आप जिस रंग के चश्मे को लगा कर समाचार लिखते-दिखाते हैं, जरूरी नहीं कि वो उसी रंग के चश्मे से उसे पढ़े-देखे। वो अब पढ़ता-सुनता-देखता है और फिर सोचता है कि आपके बताये-दिखाये खबर में कितना सच है और कितना वैचारिक पक्षपात।

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