Sunday, November 3, 2024
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आबादी आबादी, बर्बादी बर्बादी

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बढ़ रही है जनसंख्या तो बढ़ने दो
आ रही है मुश्किले तो आने दो
अगर यह भीड़ गायब हो गई
तो पत्थर कौन फेंकेंगा
शहर कौन जलायेगा
धरने कौन देगा
बढ रही है आबादी तो बढ़ने दो

रोजगार नहीं है तो चिल्लाना नही है तुम्हे
जंगल कट रहे हैं तो बताना नहीं है तुम्हे
जख्म गहरे है तो छिपाना होगा
आग जल रही है रोटी पकाना होगा
बढ़ रही है जनसंख्या तो बढ़ने दो
आ रही है मुश्किले तो आने दो

जनसंख्या रोकने का प्रयास होगा
तो बौखला जाएंगें धर्म के ठेकेदार
कहा जाएगा हमको दबाने की साजिश हो रही है
रंजिश यहां सभी को सभी से हैं
माहौल में इतनी उमस है
तभी तो रक्त की बारिश हो रही है

बढ़ रही है आबादी तो बढ़ने दो
आ रही है मुश्किले तो आने दो
रोकने की कोशिश ना करना दोस्त
जल रही है चिताए तो जलने दो
ढल रही शाम तो ढलने दो

बढ रही है भीड़ तो बढ़ने दो
गिर रहा है मास्क तो गिरने दो
फैलेगा फिर से जीवाणु
मर रहे लोग तो मरने दो
बढ रही है जनसंख्या तो बढ़ने दो
आ रही है मुश्किले तो आने दो

आबादी आबादी बर्बादी बर्बादी

-अघोरी अमली सिंह


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