Friday, March 29, 2024
HomeHindiविद्याभारती और राष्ट्रीयता

विद्याभारती और राष्ट्रीयता

Also Read

वर्तमान शिक्षा देश की मूल संस्कृति एवं धरती से कटी होने की वजह से राष्ट्र की आवश्यकता के अनुसार नागरिक निर्माण नहीं हो पा रहे। विद्या भारती ने शिक्षा क्षेत्र की इस चुनौती को स्वीकार करते हुए भारत की वर्तमान शिक्षा प्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन कर उसका विकल्प तैयार करने का संकल्प लिया है। विद्या भारती ने आदर्श बालक की कल्पना की है जो सबल, संतुलित, सद विचारी, सत्यान्वेषि तथा सेवा भावी हो।इस हेतु विद्या मंदिर में संस्कारमय वातावरण के निर्माण पर बल दिया जाता है।

शिक्षा जहाँ एक ओर शाश्वत जीवन मूल्यों का वितरण करती है वहाँ दूसरी ओर सामयिक समस्याओं का निदान भी करती है। वर्तमान परिस्थतियों में शिक्षा से यह अपेक्षा है कि राष्ट्र की भावनात्मक एकता के सूत्रों को सुदृढ़ करने में प्रभावी भूमिका निभाए।

सहपाठ क्रियाकलाप

पाठयक्रम की परिभाषा केवल पुस्तकों तक सीमित न हो कर इस की परिधि में आचार्य/शिक्षक का व्यवहार, विद्यालय का भवन, दीवारों पर लगे चित्र तथा लिखे आदर्श वाक्य आदि सह पाठ क्रियाकलाप भी आते हैं। विद्या भारती के विद्या मंदिरों में इतिहास के गौरव शाली प्रसंगों को प्रार्थना सभा में सुनाया जाता है और इस संबंधी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है।समूह गान, क्षेत्रीय भाषाओं के गीत, भिन्न-भिन्न प्रांतों की वेशभूषा, प्रेरणादायक प्रसंग तथा चित्र कला प्रतियोगिता आदि की व्यवस्था द्वारा भारत की समृध्द संस्कृति को विद्यार्थियों को आत्मसात करवाया जाता है।देश-दर्शन कार्यक्रम, अपना प्रांत,देश पहचानो, प्रश्न मँच, मेरा विद्यालय,देश के सभी सद्गग्रंथो की प्रदर्शनी, मलिन बस्तियों और बोर्डर क्षेत्र के सर्वे द्वारा सामाजिक कुरीतियों के प्रति छात्रों को जागरूक किया जाता है। विद्या भारती पंजाब द्वारा उत्तर क्षेत्र के संगठन मन्त्री विजय नड्डा जी के मार्गदर्शन में किया गया जालंधर में स्लम सर्वे और बॉर्डर क्षेत्र में सर्वे द्वारा वहाँ की समस्याओं से भविष्य के भारत को जागरूक करना एक सराहनीय प्रयास है।

देश के सम्मानों के पार्टी सम्मान के भावों का उदय करना एवं राष्ट्रीय सेवा योजना, स्काउटिंग आदि गतिविधियों को संस्कारमय रूप देना तांकि छात्र सेवा भावी, देश भक्ति से ओत-प्रोत नागरिक बन सकें। हमारे विद्या मंदिर सामाजिक चेतना का केंद्र हैं! कोरोना की वैश्विक महामारी में देश भर में किये गए सराहनीय राहत कार्य हम सब के सामने है।पर्यावरण की सुरक्षा हेतु वृक्षा रोपण करना एवं व्यवस्था और अनुशासन पर बल दे कर राष्ट्र निर्माण में उनकी आहुति बढ़िया से डलती रहे ऐसा प्रयास रहता है। इस के अतिरिक्त भारत के ज्ञानियों, योगियों, संतों, समाज सुधारकों एवं शिक्षाविदो से परिचय करवा कर राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत युवा पीढ़ी का निर्माण विद्या भारती सफलता से कर रही है।

राष्ट्रीय शिक्षा के कार्यक्रम को संतुलित तथा ईमानदारी से निरंतर बिना थके लेने की आवश्यकता है।विद्याभारती के सभी कार्यकर्ता इस भाव से तपस्या करने की ओर अग्रसर हों कि भारतमाता को परम वैभव पर पहुंचाने के लिये राष्ट्रीय शिक्षा सभी विद्या मंदिरों में सफलता पूर्वक दी जा रही है। राहुल गांधी द्वारा यह बताया जाना कि “विद्या भारती के स्कूलों में आंतकवादी पढ़ते हैं उनकी विद्या भारती के लिये अल्पज्ञता ही दिखाती है।

नहीं जानते थे उठने को, ब जब कहा गया है करने को तो चलेंगे और पढ़ेंगे आसमां तक।”

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

- Advertisement -

Latest News

Recently Popular