पंजाब एण्ड महाराष्ट्र सहकारी बैंक की विफलता के बाद खाताधारकों के हितार्थ यह जानना आवश्यक है कि हर लाइसेंस प्राप्त बैंक के साथ उनकी जमाराशि एक लाख रुपये तक “जमा बीमा” के अन्तर्गत सुरक्षित है।
लेकिन उपरोक्त का फायदा यानि दावों का निपटान निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डी०आई०सी०जी० सी०) बैंक के परिसमापन (लिक्विडेशन) प्रक्रिया चालू होने के बाद ही शुरू करती है।
अब पाठक यह जान लें कि आपको अधिकतम फायदा एक लाख तक ही है भले ही वहाँ पैसा इससे ज्यादा हो। लेकिन आप ज्यादा फायदा वैध तरीके से ले सकते हैं और उसके लिये आपको प्लानिंग करनी होगी,यही यहाँ उल्लेखित कर रहा हूँ।
यदि आप अपना नाम प्रथम रख एक खाता खोल लें और बाकी अन्यों के साथ संयुक्त यानि एक आपका अपने नाम का, दूसरा आपके साथ पत्नी और इसी प्रकार तीसरे में आपके साथ आपका लडका और चौथे में लडकी, फिर पाँचवे में आपके साथ पत्नी व लडका दोनों। तो ये सभी पाँचों खाते अलग अलग मानें जायेंगे यानि यह जमा अलग क्षमता व अलग अधिकार के अन्तर्गत माने जायेंगे।
उपरोक्त तरीका आपको दावों के निपटान मेंं हर खाते पर अधिकतम एक लाख का अधिकारी बना देगा यानि इस हालात में आप पाँच लाख के अधिकारी हो जायेंगे।
यदि आपकी जमा राशि पाँच लाख से ज्यादा है तो आप संयुक्त जमाकर्ताओं के अनुक्रम को विस्तारित कर लें यानि पहला नाम तो हमेशा पहला ही रहेगा लेकिन अब तीन या आवश्यकता हो तो चार नामों का संयुक्त खाता बनायें। उदाहरणार्थ आप के साथ लडका व पत्नी, इसी प्रकार आप के साथ पत्नी व तीसरा नाम लडके का। इस प्रकार आप चार/ पाँच सदस्यों के साद दस/ बारह खाते बना हर खाते का एक लाख के हिसाब से आठ/ दस लाख परिसमापन (लिक्विडेशन) प्रक्रिया के अन्तर्गत प्राप्त कर पायेंगे यानि आप सभी खातों पर अपना पूरा पूरा नियंत्रण रख पायेंगे।
आप इस सन्दर्भ में निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डी०आई०सी०जी० सी०) की पुस्तिका के पृष्ठ संख्या ८-९ पर प्रश्न नंबर १० के जबाब में आधिकारिक उत्तर उदाहरण के साथ को देख सकते हैं।और उस पुस्तिका का लिंक है > https://www.dicgc.org.in/FD_FAQs.html
आखिर में यही लिखना है कि घबड़ायें नहीं सबसे पहले तो रिजर्व बैंक इसको सम्भालने की पूरी पूरी कोशिश कर भी रहा है और करेगा भी।
अभी जो आपको मौका मिला उसका फायदा उठाते हुये ज्यादा से ज्यादा पैसा निकाल वहाँ जमा कम कृते जाँय और साथ साथ उपरोक्त बताये वैध तरीके को अपनाकर योजनावद्ध तरीके से अपना पक्ष मजबूत कर लें ताकि यदि परिसमापन (लिक्वीडेशन) वाली परिस्थिति बने तो आप पहले से ही सम्भले हुए रहें।
आशा है आप सभी जमाकर्ता ऊपर बताये गये वैध तरीके को न केवल अपनायेंगे बल्कि अन्यों में भी जागरूकता फैलायेंगे ताकि सभी को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल पाय।
गोवर्धन दास बिन्नाणी
जय नारायण ब्यास कालोनी,
बीकानेर
9829129011