Thursday, April 18, 2024
HomeHindiशशि थरूर के बयान का अर्थ

शशि थरूर के बयान का अर्थ

Also Read

# शिवलिङ्ग पर बैठा बिच्छू
कांग्रेस के सांसद शशि थरूर का मोदीजी पर दिया गया उक्त बयान चर्चा में है। भाजपाई तो इस बयान से ऐसे तिलमिलाए हुए हैं जैसे उसी बिच्छू ने उन्हें डंक मार दिया हो। चुनावी माहौल में इस तरह की साधारण बातों पर अतिरंजित प्रतिक्रियाओं का आना एक सामान्य सी बात है।

मुझे तो थरूर जी का यह बयान बड़ा पसन्द आया। उनकी अन्य क्षमताओं के बारे में चाहे जो कहा जाय, भाषा के मामले में उनकी समृद्धता पर शायद ही किसी को सन्देह हो। उनकी अंग्रेजी भाषा पर पकड़ एक किम्वदन्ति बन चुकी है। अभिषेक मनु सिंघवी के साथ शशि थरूर इस समय भारतीय राजनीति में सबसे अच्छी अंग्रेजी बोलने वाले नेता हैं। शशि थरूर जैसा भाषा के मामले में समृद्ध व्यक्ति-खास तौर से अंग्रेजी भाषा के मामले में समृद्ध व्यक्ति कभी सीधी बात तो कर ही नहीं सकता, और अगर उसकी कोई बात सीधी लगती है, तो उसके पीछे ज़रूर कोई टेढ़ा मतलब छिपा होता है; उसका अर्थ निकालने के लिए कभी तो लक्षणा और व्यञ्जना शक्तियों का प्रयोग करना पड़ता है, और कभी टेढ़े रूपकों से रास्ता निकालना पड़ता है। यह शिवलिङ्ग पर बिच्छू वाला बयान उसी तरह का बयान है।

निजी तौर पर मुझे तो थरूर जी का यह बयान बड़ा पसन्द आया है। मेरा विचार है कि इस बयान में शशि थरूर ने ‘मेटाफ़र’ का प्रयोग किया है।

‘मेटाफ़र’ शब्द सुनते ही ‘राग दरबारी’ के खन्ना मास्टर की क्लास में स्लीपिंग सूट नुमा पायजामा पहने टाँगे खुजलाते हुए घोड़े के मुँह वाले लड़के की याद आती है जिसे खड़ा करके खन्ना मास्टर उससे ‘मेटाफ़र’ का अर्थ पूछते हैं, और लड़का कहता है: “जैसे महादेवी की कविता में वेदना का मेटाफ़र आता है।” थरूर का यह बयान भी ‘वेदना का मेटाफ़र’ है। इस ‘मेटाफ़र’ के द्वारा शशि थरूर ने अपनी और कांग्रेस पार्टी की तीक्ष्ण वेदना प्रकट की है।

उनकी वेदना तो स्पष्ट है। जैसे यही वेदना कुछ कम थी कि कांग्रेस सत्ता में नहीं है, सत्ता के शीर्ष पर ऐसा व्यक्ति बैठा हुआ है जो न तो कांग्रेसी राज-परिवार से है, और न ही राज-परिवार की कृपा से वहाँ बैठा है। यही नहीं, वह कांग्रेस के लिए बचे-खुचे रास्तों को भी बन्द करके उन्हें नेपथ्य में धकेल देने के प्रयास कर रहा है। यह वेदना थरूर और उनके कांग्रेसी साथियों को लगातार बिच्छू के डंक की तरह पीड़ा देती रहती है, और शायद इसीलिए उन्होंने बिच्छू का दूसरा ‘मेटाफ़र’ इस्तेमाल किया। यद्यपि कतिपय ज्योतिषी मोदी को तुला लग्न का जातक बताते हैं, पर अधिकांश ज्योतिषियों की राय में मोदी की जन्मकुण्डली वृश्चिक लग्न की है जिसे देखते ही पूरी तरह सचेत और डंक मारने के लिए तैयार बिच्छू का सा बोध होता है जो शत्रुओं के हृदयों में भीषण भय का सञ्चार करता है, और जिसे न छेड़ने में ही समझदारी है। थरूर का यह बयान उनके इस भय का भी मेटाफ़र है।

फिर यह बिच्छू शिवलिङ्ग पर बैठा हुआ है। यूँ तो जबसे राहुलजी शिवभक्त हुए हैं, तब से प्रत्येक कांग्रेसी के लिए शिवभक्त होना अनिवार्य हो गया है, पर यहाँ थरूर जी ने शिवलिङ्ग का उल्लेख किसी भक्तिभाव के कारण नहीं किया है। दरअसल यह उनका तीसरा मेटाफ़र है।

कुछ लोग इसका सीधा अर्थ यह निकाल रहे हैं कि शिवलिङ्ग से तुलना करके उन्होंने प्रधानमन्त्री-पद का मान बढ़ाया है, पर शशि थरूर जैसे पढ़े-लिखे लोग इतनी सीधी बात नहीं करते। यहाँ भी दरअसल शिव के प्रलयङ्कारी रूप का डर ही बोल रहा है। वह शिव-जिसके राहुलजी भक्त हैं, यह बिच्छू तो उसी पशूनाम्पतिम् भूतनाथ की गोद में ही जा बैठा है। एक तो बिच्छू, दूसरे भूतनाथ का कृपापात्र! उसके तेज का सामना नये-नये शिवभक्त कैसे करें? यह मेटाफ़र इसी जटिल समस्या की प्रतिध्वनि है।
और अब अन्त में चप्पल का मेटाफ़र! यह मेटाफ़र शशि थरूर और उनके दल के सदस्यों के मन में सदा विराजमान मोदी रूपी बिच्छू के प्रति तीव्र घृणा का द्योतक है।

थरूर और उनके साथियों का वश चले तो वह मोदी को चप्पलों से मार-मार कर ही मार डालें, पर क्या करें? बिच्छू है, सतर्क है और शिव का कृपापात्र है। यह थरूर और उनके साथियों की कुण्ठा और क्लैव्यता का भी मेटाफ़र है। बिच्छू को शिवलिङ्ग से हटाना है, पर हाथ लगाना तो दूर, पास जाने की भी हिम्मत नहीं कर सकते, लठ्ठ पास में है नहीं, तो कर क्या सकते हैं? शब्दों को ही चप्पलों की शक्ल देकर उसी से मोदी को मारने का यत्न कर रहे हैं। भाजपाइयों को तो थरूर जी के ऐसे बयानों का आनन्द लेना चाहिए, पर थरूर जी की बातों से रस लेने के लिए भी तो अक्ल चाहिए, और अधिकांश भाजपाई इस ईश्वरदत्त वस्तु से लगभग पूर्णतया वञ्चित हैं।
पर हम तो आनन्द ले ही सकते हैं।

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

- Advertisement -

Latest News

Recently Popular