इस्लाम नहीं मानता कि पृथ्वी गोल है और सूर्य के चक्कर काटती है। किसी ने क्या कर लिया उनका, और क्या बिगड़ गया उनका ऐसा मानने से? पाकिस्तान में दोनों तरह की साइन्स पढ़ाई जाती है: पृथ्वी के गोल और सूर्य के चारो ओर घूमने वाली भी, और उसके चपटी और स्थिर होने वाली भी, जिसको जो मानना हो, माने। यह होता है असली लोकतन्त्र!
2019 की पराजय के बाद कांग्रेस के थिंक टैंक ने यह निष्कर्ष निकाला कि भाजपा के राष्ट्रवाद के मुद्दे का कांग्रेस मुकाबला नहीं कर सकी, और यही उनकी पराजय का मुख्य कारण था।
एक बार नरेन्द्रा मोदी और इमरान ख़ान के स्वतंत्रता दिवस के भाषण को सुने, और अपने भाग्य पर इतराएं कि आपके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, इमरान खान नहीं, और राहुल गाँधी या ममता बनर्जी या अरविन्द केजरीवाल भी नहीं!
जब तक इस्लाम को कश्मीर-समस्या के मूल के रूप में चिह्नित कर विचारधारा के स्तर पर उससे निपटने की नीति नहीं बनायी जाती, लाखों करोड़ के आर्थिक पैकेज बाँटने से कुछ नहीं बदलेगा।
दो साल पहले तक आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना दोनों ही कर्तव्यनिष्ठ और असंग्दिध सत्यनिष्ठा वाले अधिकारी थे, फिर अचानक क्या हुआ कि दोनों की सत्यनिष्ठा संदिग्ध हो गयी और आलोक वर्मा को तो अपमानित होकर सीबीआई से हटना पड़ा?