पिछले साढ़े चार सालों से मोदी सरकार जिस तरह से बेहतरीन काम करके देश और दुनिया में सुशासन की एक नयी मिसाल पेश कर रही है, उसे देखकर पकिस्तान परस्त विपक्षी राजनैतिक दलों और उनके कदम में कदम में ताल ठोंकने वाले अवार्ड वापसी गैंग को यह समझ नहीं आ रहा है कि २०१९ में एक बार फिर से सत्ता हथियाने के लिए आखिर क्या षड्यंत्र रचाएं. हालांकि विपक्ष पिछले साढ़े चार सालों से मोदी सरकार के खिलाफ लगातार एक के बाद एक षड्यंत्र किये जा रहा है लेकिन सोशल मीडिया की जागरूकता के चलते सभी षड्यंत्र फेल होते नज़र आ रहे हैं.
विपक्षी राजनीतिक दलों और देश के “इकोसिस्टम” में बैठे उनके शुभचिंतकों की हताशा इस हद तक बढ़ गयी है कि PM की हत्या की साज़िश करने वाले आतंकवादियों को “सामाजिक कार्यकर्त्ता” बताकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. पुलिस इन आतंकवादियों की पोल खोल रही है तो “इकोसिस्टम” में बैठे इनके लोग पुलिस को शाबाशी देने की बजाये वेवजह फटकार लगा रहे हैं. विपक्षी दलों और उनके षड्यंत्रकारी शुभचिंतकों के इस अपराध को देश की जनता बहुत गौर से देख भी रही है और चुनाव आने पर उसका सही जबाब देने का मन भी बना चुकी है.
विपक्ष के षड़यंत्र जिस तरह से बढ़ते जाएंगे, भाजपा को चुनावों में मिलने वाली सीटों में उस अनुपात में ही इज़ाफ़ा होने की उम्मीद है. पिछले साढ़े चार सालों में विपक्षी दलों ने मोदी सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचकर जिस अपराध को अंजाम दिया है, उसके आधार पर ही मोदी सरकार २०१९ में ४०० सीटों का आंकड़ा पार कर जाएगी, इसमें किसी को भी कोई संदेह नहीं होना चाहिए.
मोदी सरकार की अगर उपलब्धियों की बात करें तो उन सबके बारे में लिखने के लिए एक पूरी किताब लिखनी पड़ेगी और इस ब्लॉग में उन सभी ऐतिहासिक उपलब्धियों का जिक्र तक करना संभव नहीं है. कुछ लोग पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित नजर आ रहे हैं और पूरे पूरे ब्लॉग लिखकर उसे मोदी सरकार की नाकामी बता रहे हैं. ऐसे लोगों की जानकारी के लिए मैं सिर्फ यह बताना चाहता हूँ कि २०१३ में भी पेट्रोल ८३ रुपये लीटर हुआ करता था और ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हुआ है जब ५ सालों के बाद भी पेट्रोल के दाम बढे नहीं हैं और लगभग २०१३-१४ वाले स्तर पर ही हैं. पेट्रोल की यह कीमतें और भी कम हो सकती थीं अगर पिछली कांग्रेस सरकार २००००० करोड़ की आयल बांड की देनदारी मोदी सरकार के लिए छोड़कर नहीं गयी होती – कांग्रेस जब भी सत्ता से बाहर होती है, देश का खज़ाना पूरी तरह से खाली करके जाती है, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए. कांग्रेस की छोड़ी हुई २ लाख करोड़ कि इस देनदारी को भी मोदी सरकार ने चुका दिया है.
आम जनता आज सही मायनों में राहत की सांस ले रही है. २०१३-१४ की तुलना में चीनी के दाम घटकर ४५ से ३१ पर आ गए हैं. दालें जो २००-२५० रुपये किलो हुआ करती थीं, उनके दाम घटकर ६०-७० रुपये किलो पर आ गए हैं. टेलीफोन और इंटरनेट डेटा का बिल ५००० रुपये से घटकर ४०० रुपये पर आ गया है.प्याज़ टमाटर ५०-१०० रुपये किलो से घटकर १०-२० रुपये किलो मिल रहे हैं. सब्सिडी वाले ९ सिलिंडर की जगह अब बारह सिलिंडर मिल रहे हैं. देश के लगभग हर गाँव में बिजली पहुँच चुकी है. गरीबों की दी जाने वाली सभी सुविधाएँ और आर्थिक सहायता उन तक सीधी पहुँच रही हैं और आधार कार्ड से बैंक खाते को लिंक करने की कवायद ने बिचौलियों के फर्ज़ीवाड़े को ख़त्म करके देश को करोड़ों का चूना लगने से भी बचाया है.
पूरे विश्व में आज भारत का डंका बज रहा है और दुनिया भर के लोग अब पहली बार भारत देश के आगे नतमस्तक हुए खड़े हैं. जहां पूरी दुनिया बड़ी उम्मीद के साथ मोदीमय भारत की और देख रही है, विपक्ष के नेता अभी भी मोदी को देश से हटाने के लिए पाकिस्तान जैसे देशों से मदद मांग रहे हैं. जो हालात चल रहे हैं, उन्हें देखते हुए मोदी सरकार की २०१९ में कम से कम ४०० सीटें आएंगी-विपक्ष का षड्यंत्र अगर इसी तरह जारी रहा तो इन सीटों की संख्या बढ़ भी सकती है.