Saturday, April 20, 2024
HomeHindiक़ानून से ऊपर मीडिया की आज़ादी?

क़ानून से ऊपर मीडिया की आज़ादी?

Also Read

Avantika Chandra
Avantika Chandra
Writer Journalism & Mass Communication Student

मीडिया को सरकार का पक्ष नहीं लेना चाहिए, उसे सरकार की कमियां हमेशा उजागर करनी चाहिए. यही पत्रकारिता का उसूल होता है शायद. लेकिन क्या मीडिया को सरकार विरोधी भी होना चाहिए? निष्पक्ष पत्रकारिता और सरकार विरोधी पत्रकारिता में बहुत फर्क होता है. अभी कुछ दिन पहले एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय के यहाँ सीबीआई का छापा पड़ा था. ये छापे कथित तौर पर एक निजी बैंक को नुकसान पहुंचाने के मामले को लेकर सीबीआई द्वारा किये गए थे. ध्यान रहे की सीबीआई ने एनडीटीवी के किसी भी दफ्तर में छापे नहीं मारे थे इसके बावजूद चैनल ने इन छापों को प्रेस की आज़ादी के लिए खतरा बताना शुरू कर दिया और सरकार को इन छापों के लिए जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया, जबकि सरकार का इस मामले से कोई लेना देना नहीं था.

क्या पत्रकारिता के ‘व्यवसाय’ से जुड़ा हर व्यक्ति कानून से ऊपर हो गया है? अगर उसपर कोई आरोप लगे तो क्या उसकी जाँच करने का हक़ देश में किसी को नहीं है? अपने बॉस के घर पड़े छापों से बौखला कर एनडीटीवी के पत्रकार जिस प्रकार से सरकार को ललकार रहे थे उसे देखते हुए तो ऐसा ही लगता है की आज मीडिया-कर्मी खुद को कानून से ऊपर ही समझने लगे है. वह कुछ भी कर सकते है. वह जानते है की उनके पास देश की जनता को गुमराह करने की ताकत है. तभी एनडीटीवी में काम करने वाले पत्रकारों ने सीबीआई के छापों को लेकर सब कुछ बताया मगर यह नहीं बताया की उनके बॉस ने ऐसा क्या किया की सीबीआई उनके घर तक पहुँच गयी.

चैनल के एक वरिष्ठ ‘निष्पक्ष’ पत्रकार रविश कुमार ने तो सीधा प्रधानमंत्री को आमने-सामने बैठकर बात करने की चुनौती दे डाली थी. वैसे बात-बात पर प्रधानमंत्री को दोष देने की इनकी पुरानी आदत है जिससे सब वाकिफ है. पर बाकि पत्रकारों ने भी जमकर सरकार पर अपनी भड़ास निकाली. सरकार से या यूँ कहें की नरेंद्र मोदी से इनकी चिढ देखने के बाद क्या जनता इन पत्रकारों को निष्पक्ष मानेगी अब?

आज सोशल मीडिया के ज़माने में हर व्यक्ति के विचार सार्वजनिक है, मीडिया में काम करने वालों के भी. यह सत्य है की कोई भी व्यक्ति पूर्णता निष्पक्ष नहीं हो सकता फिर चाहे वो मीडिया में काम करने वाले लोग ही क्यों न हो. भारत की दिलचस्प राजनीति सबको अपना विचार रखने पर मजबूर कर ही देती है. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से राजनीति अब देश के हर व्यक्ति का पसंदीता विषय हो गया है. देश में अब दो विचारधारा ही रह गयी है. एक नरेंद्र मोदी के पक्ष की और एक उनके विरोध की. आम जनता हो या फ़िल्मी हस्तियां, खिलाडी हो या बड़े कारोबारी सभी दोनों में से एक विचारधारा की तरफ खड़े है. यही हाल मीडिया में काम करने वालों का भी है.

आज हमारे देश के पत्रकार भी दो भाग में विभाजित हो चुके है. इसमें वैसे कुछ गलत नहीं है, उन्हें भी हक़ है अपने विचार रखने का. सबसे ज्यादा हक़ उन्ही के पास तो है. मगर उनके व्यक्तिगत विचारों का असर उनकी पत्रकारिता पर पड़ रहा है. पत्रकारों का एक वर्ग मोदी सरकार की उपलब्धियां बताता है तो दूसरा वर्ग उसे छुपाता है और पहले वर्ग के पत्रकारों को चाटुकार बताता है. और यही देश के लिए खतरनाक है. मीडिया में काम कर रहे वो लोग जो निष्पक्ष होने का दावा करते है असल में वो सिर्फ अपने स्वार्थ को पत्रकारिता से ऊपर रख जनता को गुमराह कर रहे है. देश में न आज ‘मीडिया की आज़ादी’ को खतरा है और न ही खुद को निष्पक्ष कहने वाले पत्रकारों के ‘बोलने की आज़ादी’ को खतरा है.

आज सबसे ज्यादा वही बोल रहे है उनको टीवी की स्क्रीन काली करने की भी आज़ादी है और प्रधानमंत्री को ललकारने की भी आज़ादी है लेकिन नरेंद्र मोदी से अपनी निजी चिढ के चलते ये पत्रकार सरकार को दमनकारी साबित कर जनता को बेवक़ूफ़ बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ते. लेकिन क्या जनता इतनी नासमझ है? शायद नहीं, वह जानती है की कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. मीडिया भी नहीं है. इसीलिए वह अब खुद इन निष्पक्ष पत्रकारों से सवाल करती है. उनके पूछे सवालों से खिसियाकर ये पत्रकार जनता को मोदी-एजेंट बोलकर अपना दिल बहला तो लेते है मगर साथ-साथ यह भी जता देते है की वह निष्पक्ष पत्रकार का चोला ओढ़े एक मोदी-विरोधी व्यक्ति ही है बस. ऐसे व्यक्ति अपने पत्रकार होने के अधिकार का गलत उपयोग कर विपक्षी पार्टियों की तरह बस बेवजह सरकार पर हमला कर रहे है.

आप भी ऐसे निष्पक्ष पत्रकारों से बचकर रहिये!

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

Avantika Chandra
Avantika Chandra
Writer Journalism & Mass Communication Student
- Advertisement -

Latest News

Recently Popular