काले कारनामे को छिपाने के लिए वो भ्र्ष्टाचारी पढ़ा लिखा अनपढ़ केंद्र सरकार द्वारा लाये गये "दिल्ली सेवा बिल" के विरोध के लिए गली गली भटक कर समर्थन जुटा रहा था, और यही नहीं जिन लोगों को भ्र्ष्टाचारी बताकर उनको जेल भेजने की बात करने वाला आज उनकी ठोकरों में पड़ा समर्थन करने की भीख मांग रहा है।
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर नेताओं की जासूसी कराने के आरोप हैं। आरोप के मुताबिक केजरीवाल सरकार ने विजिलेंस डिपार्टमेंट में अवैध तरिके से बनाए गए ‘फीडबैक यूनिट’ से नेताओं की जासूसी कराई।
The father of second wave of Khalistan Arvind Kejriwal, is ruling Delhi deploying most hateful means of lies and deception bordering on anti-Hindu rhetoric, be it appeasement of one particular community to win Delhi elections as was evident in active involvement of his cadres in the anti Hindu progrom in Delhi as an aftermath of hateful anti- CAA protest.
केजरीवाल के पिछले कुछ सालों की राजनीति और फैसलों को देखें तो स्पष्ट होता है कि केजरीवाल ने खुद को दिल्ली तक सीमित रखने का फैसला कर लिया है। वरना केजरीवाल की शख्सियत रही है आरोप- प्रत्यारोप, मोदी विरोध, और फ्री आधारित राजनीति।
AAP was formed to fight entry of criminals in politics but same party has topped the list of parties with most criminals getting tickets in 2020 Delhi election. Out of 70, 36 candidates of AAP have serious criminals cases against them which is far greater than the rival parties BJP and INC.
कोरोना जैसी घातक चीनी महामारी से दो चार रही दिल्ली को तंज कसने का मन नहीं था मेरा. पर जब दिल्ली में बिलखते चेहरों और सुन्न पड़ी लाशों के सामने डकार मारते 'आम आदमी' को देखता हूँ, तो कलेजा कांप जाता है.
टीवी पर आकर रोज भाषण देना और जमीन पर काम करना दोनो ही अलग बात है; खुद गाजियाबाद में थे और मालिक बन बैठे दिल्ली के अब दिल्ली में बस दिल्ली वालों का इलाज होगा।
Kejriwal had popular support where the votes mattered. Modi had populist appeal which did not sway the Aam Aadmi, as emotive appeals had a limit to their remit.