Saturday, April 27, 2024
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Shivam Sharma

जगत पालक श्री राम की नगरी अयोध्या से छात्र, कविता ,कहानी , व्यंग, राजनीति, विधि, वैश्विक राजनीतिक सम्बंध में गहरी रुचि. अभी सीख रहा हूं...

भारत में वामपंथी उग्रवाद: बदलता स्वरूप

आइए इस लेख के माध्यम से नक्सलवाद से जुड़े तकनीकी पहलुओं को समझने की कोशिश करते हैं. और इस विषय पर आंतरिक सुरक्षा के जानकार और स्वयं सरकार का क्या रवैया था, क्या है और क्या होना चाहिए ; इस पर विस्तार से बात करते हैं.

फूहड़ वेबसिरीज़

मैं असहाय सा देखता हूँ कि युगों युगों की शाश्वत संस्कृति पर सड़कछाप नौटंकीबाज हमला करते हैं. बड़ी ही सहजता से किसी जानवर का नाम किसी देवता के नाम से जोड़ दिया जाता है.

आपातकाल की कलमुंही बातें…

आपने इतिहास की किताबों में लार्ड लिटन के तुगलकी फरमान वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट के बारे में सुना होगा. उस एक्ट के बाद पहली बार ऐसा अकस्मात आदेश आया जब अखबारों को कुछ भी छापने से पहले अनुमति लेनी थी. कई अखबारों ने इस शक्ति के सम्मुख घुटने टेकने बेहतर, बंद होना सही समझा.

दिल्ली के रंग फीके..

कोरोना जैसी घातक चीनी महामारी से दो चार रही दिल्ली को तंज कसने का मन नहीं था मेरा. पर जब दिल्ली में बिलखते चेहरों और सुन्न पड़ी लाशों के सामने डकार मारते 'आम आदमी' को देखता हूँ, तो कलेजा कांप जाता है.

भारत-चीन पर राहुल का सवाल

भारत ही नेहरू के नेतृत्व में पहला गैर साम्यवादी जनतांत्रिक राज्य था जिसने जनवादी कम्युनिस्ट चीन को मान्यता प्रदान की. नेहरू उस दौर में चीन को लेकर इतने रोमांटिक (कल्पनावादी) हो गए थे कि तिब्बत पर चीन का आधिपत्य स्वीकार कर लिया. पर जब 1962 में चीन ने भारत पर हमला किया तो नेहरू की विदेश नीति चौपट हो गई थी.

श्रमिकों का पलायन: अवधारणा

अंत में जब कोविड 19 के दौर में श्रमिक संकट ने कुछ दबी वास्तविकताओं से दो चार किया है. तो क्यों ना इस संकट को अवसर में बदल दिया जाए.

तारीख : 26 मई 2020, स्थान : अयोध्या

रामलला का भव्य मंदिर पुन: उसी स्थान पर निर्मित किया जाएगा, शुरुआत हो चुकी है

अदना सा पत्रकार: हें हें हें

शाम आठ बजे और कुछ टीआरपी जैसे समाजवादी कारणों से अब नौ बजे, प्राइमटाइम में अधोमुखी मेरूरज्जु से निहुरा हुआ एक अदना सा पत्रकार...

मेरी मां का व्रत

श्रद्धा और आस्था कोई भी कठिनाई को पार करा सकती हैं

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