Friday, March 29, 2024
HomeOpinionsतारीख : 26 मई 2020, स्थान : अयोध्या

तारीख : 26 मई 2020, स्थान : अयोध्या

Also Read

Shivam Sharma
Shivam Sharmahttp://www.badkalekhak.blogspot.com
जगत पालक श्री राम की नगरी अयोध्या से छात्र, कविता ,कहानी , व्यंग, राजनीति, विधि, वैश्विक राजनीतिक सम्बंध में गहरी रुचि. अभी सीख रहा हूं...

28 वर्ष तक श्री रामलला के दर्शन ना करने का संकल्प था महंत नृत्यगोपाल दास जी महाराज का. ये संकल्प छोटा नहीं था, उनका अकेला नहीं था.

अनवरत प्रतीक्षा थी श्री राम भक्तों की…

और विशेषकर मुझ जैसे अयोध्यावासी जिनसे हर जगह बस एक सवाल रहता था, आपके यहां राममंदिर कब बनेगा? मैं और अन्य अयोध्यावासी बस यही बोलते, ‘जब राम जी चाहेंगे, स्वयं बन जाएगा.’

हमने ये धैर्य और धीरज को भी राम जी से आशीर्वाद में प्राप्त किया. ऐसे राम जी, जिन्होंने सम्पूर्ण जीवन निर्लिप्त रहकर व्यतीत किया. जिन्हें सत्ता मिलने वाली थी, उन्हें वनवास प्राप्त हुआ. पर मेरे प्रभु ने हंसते हुए ना केवल स्वीकारा बल्कि निभाया भी.

जब महाराजा दशरथ जी वनवास की बात सुनकर अधीर हो गए, तो मुस्कुरा कर बोल पड़े थे रघुवीर, “थोरहि बात पितहिं दुख भारी.” मेरे राम तो त्याग, मर्यादा, सुचरित्र, तेज के पुंज हैं.

हमनें क्या नहीं सीखा है उनसे, हमने उनके साथ धैर्य बनाकर सरकारी हरकतों को भी झेल लिया. हमने वो रातें भी देखीं हैं, जब चौराहे पर पुलिस के पहरे थे. और गलियों में बंधी बांस बल्लियों की बैरिकेडिंग.

हां, हमें दर्द होता था अक्सर. तब तो और ज्यादा, जब कोई भी आकर प्रश्न दाग देता कि बताओ रामलला का जन्मस्थान अयोध्या ही है, इसका क्या प्रमाण है?

हमें तब भी दर्द हुआ, जब पुरानी सरकार के ही बड़े पसंदीदा वकील ने तारीख टालने का भरसक प्रयास किया. जब हर रोज़ कचहरी में रामलला घूमते रहे.

दर्द तब तब भी हुआ जब अखिल कोटि ब्रह्मांड नायक मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम चंद्र जी को तिरपाल में देखा. यद्यपि हम तो उनके बच्चे हैं और बच्चे माता पिता को किसी भी अवस्था में उतने ही प्यारे होते हैं.

राम जी ने हमारा बहुत ध्यान रखा. हमने लोहों की जालियों में घिरी संकरे रास्ते से दूर बैठे रामलला के दर्शन किए. प्रतिदिन उनका श्रृंगार किया. उनका विधिवत् पूजन किया.

हमने हर रोज बस एक आशा की लौ भक्ति के तेल से डबाडब भर कर जलाए रखी. कि हमारे रामलला का मंदिर फिर से बनेगा.

गोस्वामी जी ने जब श्री रामचरित मानस के प्रारंभ में देवता, ऋषि मुनियों, नाग गंधर्वों, किन्नर की आराधना की, तो असुरों, राक्षसों, और पापियों को भी क्षमा किया है.

श्री राम मंदिर निर्माण आंदोलन में सेवारत सभी रामभक्तों का कल्याण तो निश्चित है ही. परंतु यदि सभी वे मंदबुद्धि और मलीन कुबुद्धिधारी जीव जो रामद्रोह करते हैं या करते रहे, यदि राम जी के चरणों में सच्ची श्रद्धा के साथ समर्पण कर दें, तो दयानिधान कल्याण कर सकते हैं.

रामलला का भव्य मंदिर पुन: उसी स्थान पर निर्मित किया जाएगा, शुरुआत हो चुकी है.

यह एक यज्ञ है, इस यज्ञ में आप सभी का प्रेम और स्नेह समिधा है, और परिश्रम से उत्पन्न अग्निकुंड भी है.

आइए एक साथ मिलकर के अपनी भक्ति रूपी घृत की वसोर्धारा भी अर्पित करते हैं. याद है ना आपको, लाखों कारसेवक जब जंगलों और खेतों के रास्ते सरकारी आलाकमान की बाड़े बंदी को धता बताते अयोध्या पहुंचे थे.

तो सबमें ललक थी इसी दिन की, आज वो शुभदिन आ गया है.

सम्पूर्ण विश्व के कल्याण की कामना और विश्व शांति हेतु प्रार्थना करते हुए… धन्यवाद!

जय राम जी की.

आपका #बड़का_लेखक

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

Shivam Sharma
Shivam Sharmahttp://www.badkalekhak.blogspot.com
जगत पालक श्री राम की नगरी अयोध्या से छात्र, कविता ,कहानी , व्यंग, राजनीति, विधि, वैश्विक राजनीतिक सम्बंध में गहरी रुचि. अभी सीख रहा हूं...
- Advertisement -

Latest News

Recently Popular