मुनव्वर राणा का कहना है कि जितनी क्रूरता अफगानिस्तान में है, उससे ज्यादा क्रूरता तो हमारे यहां पर ही है पहले रामराज था, लेकिन अब कामराज है, अगर राम से काम है तो ठीक वरना कुछ नहीं।
बेंगलुरु के हिन्दू विरोधी दंगों ने एक बार फिर तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के ध्वज वाहकों को नग्न कर दिया है। भारत में धर्मनिरपेक्षता का अर्थ हिन्दू घृणा हो चुका है।
Someday, I hope that a majority of my country see things the same way and has the courage to call a spade, a spade and do away with these shackles that the liberal elite have so cleverly blinded us with and call out any heinous crime in the name of religion.
लिबरल ट्विटर योद्धाओ की बेशर्मी देखिए कि, सच को सच दिखाने पर वो मीडिया, आम लोग, यहां तक की मेडिकल कर्मचारियों को भी इस्लामोफोबिक बताने लगे। लेकिन बीमारी को धर्म के चश्मे से ना देखने वाले यही लोग उसी वक़्त मंदिर, पंडित, पूजा, आरती, आदि पर निरंतर प्रहार करते नज़र आये।
जब भी प्रधानमंत्री देशहित में कोई भी फैसला लेते हैं तो उसके बार में इतना घटिया तरीके से प्रचार होता हैं की लोगों में उस फैसले को लेकर भ्रम फ़ैल जाता हैं. इसका ताज़ा उदाहरण नागरिकता संशोधन कानून हैं
A heritage site for protests has come up right in the centre of the national capital and this makes the citizens of the country worried and rightly so!
The timing of this nomenclature smack of conspiracy. If we look at the archives of then newspapers or the arguments and judgement of the court, nowhere has he been called a terrorist. Then why calling him terrorist now?