In this article, we will explore the intriguing journey of Dhirendra Shastri, his alliance with Bagheshwar Baba, and the impact they have collectively made on Bihar's political scene.
Hope the Hindus and especially those who have suffered the most, see the current political scenario and judge for themselves if they are a friend of the Dalits and Mahadalits as they claim to be.
प्रथम अंक में हमने विवेचना की बिहार राज्य में सत्ता का सुख भोग रहे कुछ सत्ताविरो के मानसिक स्थिति और जनता के प्रति उनकी सोच और अवधारणा की। इस अंक में हम माननीय शिक्षा मंत्री के विषवमन का शिकार बने रामचरितमानस के दूसरे चौपाई के बारे में सूक्ष्म अवलोकन करेंगे।
नेता अख्तरुल इमाम ने कहा कि बिहार में बड़े राजनीतिक दल 2020 के विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद से उनकी पार्टी के विधायकों को उनके साथ जुड़ने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
यह किसी राजनीतिक भक्त की बात नहीं हो रही है। यह उस भक्त की बात है जो माँ दुर्गा का भक्त था और केवल अट्ठारह साल की छोटी सी उम्र में मौत के घाट उतर दिया गया।
साफ तौर पर देखा जा सकता है कि जातीय जनगणना का मकसद केवल ये साबित करना है कि पिछड़ी जातियों की संख्या ज्यादा है और उनकी संख्या के मुताबिक ही सरकारी नौकरियों, शिक्षण संस्थानों में उनका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए।