कुछ दिनों पहले ही एक टीवी डिबेट के दौरान एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रवक्ता द्वारा केंद्र में सत्ताधारी दल के प्रवक्ता को ‘नाली के कीड़े’ जैसे अमर्यादित एवं अशोभनीय भाषा के साथ संबोधित किया गया।
टीका करण केन्द्रों पर सरकार के द्वारा गठित टीम को निगरानी की जिम्मेदारी देनी चाहिए, जिसे टीके की बर्बादी पर लगाम लग सके। नहीं तो यदि इसी तरह वैक्सीन की बर्बादी चलती रही, तो कोरोना महामारी को हराना मुश्किल हो जाएगा।
तमाम सबूतों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार को बड़ी संजीदगी एवं योजना बद्ध तरीके से इस तथाकथित आंदोलन को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
इजराइल स्वयं को कोरोना मुक्त घोषित करना भारत के लोगों को लालायित कर रहा है। भारतवासी यह सोचने लगे हैं कि क्या हम भी इजराइल के तरह कोरोना से छुटकारा पा सकेंगे?
जब देश में कोरोना से हालात इतने खराब है, संक्रमितों की संख्या दिन–प्रतिदिन बढ़ रही है, तो ऐसे में टिकाकरण का विकल्प लोगों को अपने स्वस्थ्य के प्रति चिंता कम करने में मदद करेगी।
आज देश कोरोना महामारी के कारण बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है, और ऐसे नाजुक समय में झारखंड सरकार द्वारा स्थानीय संरक्षण का हवाला देकर निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण लागू किया जा रहा है।