There is no such thing as a “PR Visa”. Permanent residence cards are issued by Canadian government authorities only after two years of residence in the country, and the “PR Visa” that these consultants promise to secure for their clients is merely the acceptance of application through the Express Entry pool.
As India approaches the 2024 general election, it is imperative to recognize that attacks on Sanatana Dharma, regardless of the terminology used, target Hindus as a whole. Hindus must unite in the face of divisive forces and misinformation, armed with a clear understanding of their faith's core principles. Additionally, dispelling misconceptions about caste dynamics within Hinduism is essential to rectify the global misconception that synonymizes Hinduism with casteism, as Hinduism's beliefs and practices extend far beyond this stereotype.
Gandhi’s non-violence was of extreme (Charam-panthee) type and anything extreme is unsuitable for human society specifically when it was applicable only on Hindus of British India, who were followers of the Indian National Congress.
जी20 सम्मलेन भारत की एक ऐतिहासिक सफलता है। जिसे आने वाले समय में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा। वैश्विक स्तर पर मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने जो पहचान बनाई उसको आने वाले समय में भी बरकरार रखना होगा तभी देश विश्व गुरु बन पायेगा।
उदयनिधि स्टेलीन ने अपने पोतनहर जैसे भक्सावन मुंह से दुर्गंध फैलाते हुए अपने पिता और दादा के दिखाए गुःखोरी वाले मार्ग का अनुसरण करते हुए "सनातन धर्म" के बारे में अनर्गल प्रलाप और मिथ्या प्रवँचनाये की गयी।
तुम्हें क्रिकेट में पाकिस्तान को हराना है और BCCI को पैसे कमाना है। तुम्हें खेल का रोमांच चाहिए BCCI को अपना पैसे वाला रुतबा चाहिए। तुम पाकिस्तान को हरा कर खुश हो BCCI पैसे कमा कर खुश है।
सम्पूर्ण ब्रह्मण्ड में व्याप्त समस्त चराचर जगत का एक मात्र धर्म सनातन और उसके पवित्र पुस्तकों अर्थात, वेद, पुराण, उपनिषद, रामायण, महाभारत, गीता और मनुस्मृति इत्यादि द्वारा व्यक्त अध्यात्म की अनंत शक्ति ने समस्त ब्रह्माण्ड को अपने आकर्षण में बाँध रखा है।
जब इस धरा पर ना तो अब्राहम थे, ना यहूदी थे, ना ईसाई थे और ना इस्लाम था और यही नहीं जब ना तो रोमन सभ्यता थी, ना तो बेबिलोनिया की सभ्यता थी, ना तो मिश्र की सभ्यता थी, ना मेसोपोटामिया अस्तित्व में थी और ना माया और यूनानी सभ्यता थी, तब भी हमारे भोले बाबा की काशी थी जिसे आज आप बनारस या वाराणसी के नाम से जानते हैँ।