जी हाँ मित्रों इनका इतिहास हि अपनों और गैरों के खुन से सराबोर है। ये नमकहराम एहसानफ़रामोश जीवो का झुण्ड है। ये यूरोप में ईसाइयों से लड़ रहे, इजराइल के यहूदियों से लड़ रहे, भारत के हिन्दुओ से लड़ रहे और इसके आलावा ईरान, सीरिया, जार्डन, व इराक इत्यादि देशो में खुद से हि लड़ रहे हैँ।
इनसे इंसानियत की उम्मीद करना बेमानी है। अरे इन्होंने अपने हि दूसरे खलीफा उमर को कत्ल कर डाला, तीसरे खलीफा उस्मान को ४५ दिन तक भूखा रख कर कत्ल कर डाला और चौथे खलीफा अली को खुदा की इबादत करते कत्ल कर दिया तो क्या आपको और हमें मारते वक्त इन्हें दया आएगी नहीं ना।
अरे जब क़र्बला की धरती पर गोद में पानी की एक बून्द के लिए तड़प रहे बच्चे को तिर से बेध डाला और फिर हजरत इमाम हुसैन का कत्ल कर डाला तो फिर ये आपको क्या छोड़ेंगे।
आज फ़्रांस का कोना कोना जल रहा है और जर्रा जर्रा बर्बाद हो रहा है और उसे जला और बर्बाद कर रहे हैँ, वही आस्तीन के सांप जिनको शरणार्थी समझकर फ़्रांस के तथाकथित उदारवादियों और वामपंथियों ने फ़्रांस में बसाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। आज जब उनकी रोपी हुई फसल जहर बन कर पूरे फ़्रांस को बर्बाद कर रही है, तो वो धोखेबाज अपने मुंह को सिलकर और अपना काला मुँह लेकर ना जाने कौन से और किसके छेद में घुसकर बैठ गये है।
ये शरणार्थी नहीं अपितु वो नमकहराम प्रजाती है, जिस पर कोई विश्वाश नहीं कर सकता।
मित्रों आपको याद होगा कि फ़्रांस में कुछ वर्ष पूर्व उनका अपना उत्सव मनाया जा रहा था। चारों ओर खुशी और आनंद का वातावरण था, परन्तु फ़्रांसिसियो को इस प्रकार आनंद मनाता देख इस नीच प्रजाती के हैवान को अच्छा नही लगा और उसने अपना भारी भरकम ट्रक उस आनंद मनाते नाचते गाते लोगों की भिड़ पर चढ़ा दिया और करीब ७० से ज्यादा लोगों को तत्काल मौत के घाट उतार दिया। हालाँकि बाद में उस जानवर को पिंजड़े में बंद किया गया फिर उसे सजा भी दे दी गयी।
इसी भयानक हत्याकांड के बाद फ़्रांस में एक नया कानून अस्तित्व में आया और पुलिस को अधिकार दिया गया कि, यादी उसके द्वारा रोके जाने पर वाहन चालक गाडी यादी नहीं रोकता है तो पुलिस उसे गोली भी मार सकती है।
अब अफ़्रीकी मूल का इसी प्रजाती का नौजवान जब अपनी गाडी चलाता हुआ, कुछ पुलिस वालो के सामने से गुजरा तो उन्होंने उसे रोकने के लिए हाथ दिया, परन्तु ये जंगली लोग किसी को कुछ नहीं समझते अत: उस जंगली ने रोकने के बजाय अपनी गाडी की चाल और तेज कर दी अत: पुलिस वालो ने उसे रोकने के लिए गाड़ी की टायर पर गोली चलाई और इत्तेफाक से वो गोली उस नाहिल को लग गई फिर क्या था एक मौके की तलाश में बैठे इस् दंगाई प्रजाती के लोगों ने पूरे फ़्रांस को आग के हवाले कर दिया, जी भर कर लूटपाट की, अनगिनत गाड़ियों को जला डाला और तो और इन मूर्ख जाहिलों ने फ़्रांस के सैकड़ो वर्ष पुराने पुस्तकालय को भी जला डाला।
अब आप क्या कहेंगे इन धोखेबाज और गद्दारों को।अभी कुछ वर्ष पूर्व हि फुटबाल विश्व कप के दौरान फ़्रांस ने मोरक्को को हरा दिया तो इन्हीं नमकहरामों ने लूटपाट मचायी थी, वे नाराज थे की आखिर फ़्रांस ने मोरक्को को क्यों हरा दिया।
अब आप बताइये फ़्रांस एक विकसित देश है। फ़्रांस में गरीबी नहीं है। फ़्रांस में बेरोजगारी नहीं है। फ़्रांस में जीवन शैली उच्च स्तर का है फिर क्या कारण है कि, जिस फ़्रांस की धरती पर आश्रय मिला, जिस देश का नमक खाया, जिस देश की हवा में सास ली, जिस देश से सहारा पाया उसी देश को ये दीमक खोखला कर रहे हैँ।
मित्रों इनकी फ़ितरत जी हाँ इनकी फितरत हि ऐसी है, इनकी बुनियाद हि झूठ, फरेब, धोखा, नमकहरामी और हैवानियत पर टिकी है।
पोलैंड ने समय रहते इन जंगलियों को अपने यंहा घुसने नही दिया और यही कारण है कि, पोलैंड की जनता सुखपूर्वक जी रही है और फ़्रांस की जनता सिसकियाँ ले रही हैँ। आज फ़्रांस की हालत Ukraine से भी बदतर हैँ। मित्रों युकरेन तो युद्ध लड़ रहा है पर फ़्रांस किससे युद्ध लड़ रहा है।
मित्रों याद रखिए आप खेत के एक ओर आम के पेड़ लगाए और दूसरी ओर बबूल के पेड़ लगाए। आपको आम के लिए:-
१:- सुरक्षा के उपाय करने होंगे;
२:- उसे समय समय पर पानी देना पड़ेगा;
३:- खाद भी देना पड़ेगा तथा
४:- सूरज की रौशनी भी मिलती रहनी चाहिए।
वही बबूल के लिए ऐसा कुछ भी नही करना पड़ेगा, उल्टा एक ऐसा दिन आएगा की आप पाएंगे कि “बबूल तो फल फुल रहा है पर आम धीरे धीरे सुख रहा है और एक दिन ऐसा आता है कि आम सुख कर गिर जाता है और बबूल पूरे खेत में फैल जाता है।
ये वही बबूल के वृक्ष हैँ यदी आम के साथ इन्हें रहने का मौका दिया तो ये आम का वही हश्र करेंगे जो फ़्रांस के मूल निवासियों का हो रहा है।
आज हम भारतवासियो को भी सोचने और समझने की आवश्यकता है। हमारे देश के साथ हिन्दुओ की खाल में छुपे अंग्रेजो के चाटुकारों ने जिस प्रकार से दुश्मनी निभाई वो किसी से छिपी नहीं है।
इन लोगो ने हमारे देश का बटवारा इस्लामिक मजहब के आधार पर करवाया। इस्लामिक मजहब वालों के अनुसार पाकिस्तान को इस्लामिक राष्ट्र तो बना दिया परन्तु एक युक्तियुक्त योजना के अंतर्गत भारत को हिन्दु राष्ट्र नहीं बनने दिया।
कुछ अयोग्य पर चालाक भेड़ियों ने हिंदुस्तान पर कब्जा किये रखा, मध्य मध्य में स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी और स्वर्गीय अटल जी के रूप में कुछ स्वच्छ हवा का भी झोंका आया परन्तु हमारा असली राज्य २०१४ के पश्चात अस्तित्व में आया और इस देश की सुरक्षा के प्रति कुछ आवश्यक कदम उठाये गये।
पर कीड़े मकोड़ो की तरह पैदा होने वाले ये रोहंगिया और बंगलादेशी विषाणु हमारे देश के लिए खतरा बन चुके हैँ। कुछ वोटो और उनके जरिये सत्ता प्राप्त करने की लालच में हमारे यंहा के मानसिक गुलामो ने इन्हें अवैध रूप से भारत में बसाने में कोई कोर कसर नही छोड़ी है।
आज किसी मोहल्ले में चले जाइये घरो में काम करने वाली ज्यादातर महिलाये या तो बंगलादेशी हैं या रोहंगिया और इनके कारण आज परिवार खतरे के मुहाने पर खड़ा है।
आज किसी भी आन लाइन बिजनेस करने वाली कम्पनी को देख लीजिये जैसे अमेज़न, फ्लिपकार्ट, जोमेटो, स्विग्गी और डोमिनो पिज्जा इत्यादि इनके यंहा हर दूसरा डिलिवरी ब्वाय आपको इन्हीं शांतिदूतों के कौम का मिलेगा।
मोबाईल रिपेयरिंग की ज्यादातर दुकाने आज यही शांतिदूत चला रहे हैँ और रिचार्ज के नाम पर ये हमारी माताओ और बहनो के फोन न. आसानी से प्राप्त कर इसका अनुचित लाभ उठाने से पीछे नहीं हटते।
लव जिहाद के कितने भयानक और हैवानियत को भी डरा देने वाली सच्चाई किसी ना किसी रूप में आपके सामने आती रहती है। कभी कोई लड़की ३५ टुकड़ो में तो कभी मिक्सी ग्राईंदर में पीसी हुई मिलती है ।
कोई जाहिल पत्थरों से कुचल कर सरेआम एक जीती जागती लड़की को मार डालता है। आज हर गली हर कुचे पर ये अवैध घुसपैठिये अपना स्थान बना चुके है।आज हमारी अर्थव्यवस्था, समाजिक व्यवस्था, सांस्कृतिक व्यवस्था और धार्मिक व्यवस्था को पूरी तरह नष्ट करने के लिए तैयार बैठे हैँ।
आप पश्चिम बंगाल के पंचायती राज चुनाव का हश्र देख ले। पश्चिम बंगाल के कई जिले आज आम हिंदुओ के लिए सपना बन कर रह गये हैँ, वंहा घुसपैठियों का गैंग अपने चरम पर अपराधिक कार्यवाहियों को अंजाम दे रहा है।
याद रखिए जिस प्रकार CAA को लेकर इन घुसपैठियों की सहायता से पुरी दिल्ली को जला दिया गया था और सैकड़ो निर्दोष हिन्दुओं का कत्ल कर दिया गया था, अरबो की सम्पत्ति का नुकसान हुआ था, वैसा हि कुछ UCC को लेकर भी किये जाने की पुरी तैयारी कर चुके हैँ ये घुसपैठिये।
अब अपने अपने मोहल्ले, गाव, जिले और शहर को बचाने की जिम्मेदारी आपकी और हमारी है। मोहब्बत की दुकान की आड़ में देश को तोड़ने की पूरी तैयारी की जा चुकी है।
सावधान रहिये सावधान रहिये सावधान रहिये।
लेखक:-नागेंद्र प्रताप सिंह (अधिवक्ता)
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