आप अगर लाल सिंह चड्ढा मूवी नहीं देखेंगे तो आपके जीवन में कुछ भी फर्क नहीं पड़ेगा पर अगर आप लाल सिंह चड्ढा मूवी देखने सिनेमा हाल में जायेंगे तो आप अपने देश, धर्म, समाज, हमारी सेना उसके जवान और हमारी आने वाली पीढ़ी के अपराधी बनेंगे।
हमारी सबसे बड़ी गलती ये है की हमारे भूतपूर्व राजनेताओंने एजुकेशन सिस्टम को वामपंथी कम्युनिस्टों के हाथ में दे दिया और बॉलीवुड TV या मनोरंजन दुनिया को पाक परस्त जिहादियों के हाथ में दे दिया।
ये लोग बहोत ही छिपे तरीके से हमारे भोले भाले लोगो को, हमारी आने वाली पीढ़ी को अपने अजेंडे का शिकार बनाते है और हिन्दू मानसिक रूप से बहक जाते है, अपने देश धर्म संस्कृति से दूर जाते है।
अकबर खान की मूवी ८६ में पाकिस्तानी आर्मी को इतना अच्छा दिखाया है की जब इंडिया वर्ल्ड कप फाइनल में था तो पाकिस्तानी आर्मी ने हमारी सेना पर फायरिंग रोक दी ऐसा दिखाया है- सच्चाई तो ये है की जब जब भारत क्रिकेट में जीता या हारा हर बार उस बहाने से पाकिस्तानी आर्मी ने हमारे सेना पर हमला किया। हाल ही में जब भारत पाकिस्तान से हारा तो उन्होंने उसे इस्लाम की काफिरो पर जित बताया – फिर अकबर खान पाकिस्तान आर्मी को इतना अच्छा दिखाने में क्यों तुला है?
ऐसे हजारो उदहारण है की हिन्दुओ को, उनके साधु संतो को व्हीलन खलनायक दिखाते है। बस एक बार अपने सिंघम 3 मूवी में जब रोहित शेट्टी ने व्हीलन एक पाकिस्तानी को दिखाया तो उस पर आलोचना हुई की वो एक धर्म को टारगेट कर रहा है। उस ने सही जवाब दिया की पहले दो मूवी में हिन्दू विलन था तब तो आप को कोई आपत्ति नहीं हुई?
हजारो उदहारण है- सोते कुम्भकरण को जगाना आसान है पर सोते हिन्दुओ को जगाना मुश्किल। हमने अफगानिस्तान पाकिस्तान बांग्लादेश खोया- कश्मीर लग बघ खोने ही वाले थे, केरल बंगाल में हिन्दू ख़तम हो रहे है फिर भी हिन्दू कब जागेंगे किसे पता?
मुनव्वर फ़ारूक़ी ने पुरे हिन्दू धर्म और हिन्दुओ को लॉक उप शो जित कर तमाचा मारा है की देखो हिन्दुस्थान में हिन्दुओ पर भद्दे मजाक कर कर भी हम प्रसिद्ध और यशस्वी हो सकते है – पैसा कमा सकते है – पर हमारे धर्म के बारे में एक शब्द भी कहोगे तो बस ख़तम कर दिए जाओगे।
आपके बिना भी लाल सिंह चड्ढा मूवी बहोत पैसा कमाएगी विदेशो से, OTT से, हिन्दू विरोधीओ से। पर ये जरुरी है की हिन्दू उस मूवी में अपना एक पैसा भी योगदान न दे।
और ना ही किसी अपने दोस्त, रिश्तेदार, पडोसी, ऑफिस या फैक्ट्री के साथी, स्कूल या पाठशाला के सहपाठी को ये मूवी देखने दे। अगर वो जा रहे है तो उन्हें कार्तिकेय २ देखने के लिए कहे। जो ये लाल सिंह चड्ढा मूवी सिनेमा हाल में जाकर देखेगा वो देश धर्म के साथ नहीं है। पर तुर्की और पाक समर्थक लोगो के साथ है यही माना जायेगा।
क्युकी जिस समय तुर्की देश भारत का विरोध कर रहा था और पाकिस्तान का साथ दे रहा था तब आमिर खान तुर्की के नेताओ को गले लगा रहा था। भारत को असहिष्णु और रहने के योग्य नहीं ऐसे कहने वाली फॅमिली का आमिर खान तुर्की को रहने योग्य कह रहा था। एक माइनॉरिटी समाज के व्यक्ति की हत्या हो जाये तो करीना और सारा बॉलीवुड गैंग तख्तियां लेकर हिंदुस्थानी होने पर शर्म महसूस करता है। पर जब हजारो हिन्दुओ की हत्या होती है तो ये अपने जीवन में मस्त होकर पार्टिया कर रहे होते है और हिन्दू हत्या पर कुछ नहीं कहते…
किसान, गरीब और गांव के बच्चे देश के लिए मैडल ला रहे है और इन बॉलीवुड वालो के बच्चे नशे में लतपैट देश की जनता ने दिए पैसे पर ऐश कर रहे है। पाकिस्तानी कलाकारों से प्यार और भारत के गांव देहातो के युवको को निचा दिखाना यही है इस उर्दूवुड का रिवाज। फिर भी इन पर अपने मेहनत का पैसा क्यों लगाए?
चाहे कुछ दिनों बाद टीवी पर फ्री में देख लो। पर सिनेमा हाल में जाकर अपने पैसे देकर लाल सिंह चड्ढा न देखे ना देखने दे।