आज की वामपंथी विचारधारा लगातार हिंदुत्व को चोटिल कर रही है हिंदू देवी देवताओं पर टिप्पणी के अलावा हिंदुत्व को नीचा दिखाने में कुछ असामाजिक तत्व कोई कमी नही छोड़ रहे है हिंदू धर्म से अलग होकर बौद्ध या अन्य धर्म धारण करने वाले लोगो को हिंदुत्व में बुराई लगती है पर क्या उन्हे हिंदुत्व के इस इतिहास का पता है ? कभी नही होगा क्योंकि वो कुवे के मेढक है जिन्होंने कभी कूवे से बाहर की दुनिया देखी ही नही है।
रिसर्च कर लो तो पता चलेगा कि जम्मू कश्मीर के रेवेन्यू में सबसे बड़ा हाथ वैष्णो देवी मंदिर का होता है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, वृंदावन, बनारस, तिरुमला जैसे जगह के रोजगार का मुख्य केंद्र वहां स्थित देवालय ही हैं।
अंकिता कोई पहली लड़की नहीं है जिसको उसके किए का परिणाम भुगतना पड़ा है। हम हिंदूवादियों के लाख प्रचार के बाद भी आए दिन अखबार में छपी घटनाओं के बावजूद भी लड़कियां खुद ही गंदे नाले में नहाने को आतुर रहती हैं और गंगाजल समान पवित्र बातें उनको विष के समान मालूम पड़ती हैं।
राइट ऑफ या बट्टा खाते में डाले जाने का मतलब कर्ज की वसूली को बंद करना नहीं होता है। इसकी पुष्टि के लिए हमने यह चेक किया कि बैंकों ने अब तक इन भगोड़े कारोबारियों की संपत्ति से कितने कर्ज की वसूली की है।
हालांकि अखलाख खान का मामला हो या कन्हैयालाल दर्जी का मामला, कावड़ियों की यात्रा हो या ईद उल फितर का जलसा, नवरात्रि महोत्सव हो या ईद का महोत्सव, राजस्थान कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने हमेशा धर्म विरोधी कट्टरता फैलाने का भरपूर प्रयास किया है।
सच्चा विपक्ष वो होता है जो सत्ता में काबिज दलों के योजना को लागू करते ही उसका बजट का उपयोग करवाकर दवाब बनाए कि और बजट दीजिए अभी ये योजना सभी तक नहीं पहुंची, होता इसका उल्टा है जो आप सबके सामने है। विपक्ष तो केवल अपना वोटबैंक साधने का कार्य करता है।
The image of the Rani Laxmibai riding a horse with her 8-year-old son Damador Rao tied on her back with a cloth battling Britishers is sketched in everyone’s mind. Sadly, after Independence no government ever tried to seek an answer to the question …..What happened to the minor Prince of Jhansi after Laxmibai’s martyrdom?