Saturday, July 27, 2024
HomeHindiसनातनियों के हेतु संदेश

सनातनियों के हेतु संदेश

Also Read

कभी कभी औवेसी जैसे लोग भी आपको भविष्य की घटनाओं के इशारे दे जाते है, लेकिन आप अपनी सहनशीलता और तथाकथित शान्तिवादियों (जेहादियों के स्लीपर) के द्वारा रचे भ्रम जाल के चलते या तो समझ नहीं पाते, या फिर शुतुरमुर्गी समाधि में रत हो जाते हैं।

हाल ही में सम्पन्न हुए यूपी विधान सभा चुनाव के चलते हैदराबादी औवेसी ने अपनी कई तकरीरों में जिक्र किया था कि योगी जैसे लोग मठ में चले जाएंगे फिर कौन बचाने आएगा आपको?

यानि इशारा स्पष्ट था कि आपको अपनी आत्म रक्षा के उपाय खुद ही खोजने होंगे। कोई पोस्ट घूम रही थी अभी वॉल पर जिसमें बेख्त की पंक्तिया उदघ्रत थीं—

वो पड़ौसी के दरवाजे तक आए लेकिन मैं चुप रहा
आज वे मेरा दरवाजा खटखटा रहे हैं।
बिल्कुल सटीक लाइनें हैं यह आज के परिप्रेक्ष्य के हिसाब से।
यहां पर 1946 के बंगाल डायरेक्ट एक्शन डे की घटना का उल्लेख करना सामयिक और समीचीन होगा।

जब बंगाल में जिन्ना के आह्वान और बंगाल के तत्कालीन मुख्य मंत्री की शह पर कत्ल-ओ-गारत का खेल चल रहा था, तो दो दिन बाद रिएक्शन के रूप में एक शख्स निकला जिसका नाम था गोपाल मुखर्जी उर्फ गोपाल पांडा जिसने सारे डायरेक्ट एक्शन वालों के माथे पर बल ला दिया था।

मेरा मतलब यह कतई नहीं है कि आप उस बर्बरता के अनुयायी बनें जो 712 ई. में इस देश में आई और आज तक जारी है, लेकिन यह जरूर कहना चाहता हूँ कि आप न तो एक्शन को प्रोवोक करने के संस्कारों वाली कौम हैं और न ही आपको वह क्रूरता पैदा करनी है अपने में।

लेकिन यदि कोई एक्शन होता है तो रिएक्शन के तौर पर गोपाल पांडा की तैयारी रखनी ही होगी फिर चाहे कोई महात्मा भी आगे खड़े हों। जिस तरह से देश में उन्मादी घटनाओं का दौर चल रहा है और उसके डिफेंड में राहत और बचाव कार्य। इससे अनभिज्ञ हो जाना मूर्खता और कायरता के अलावा कुछ नहीं है।
कोई एक गाल पर तमाचा मारे तो दूसरा गाल…

ये सब बातें बेमानी हैं आज के दौर में, क्योंकि सामने वाला तीसरे गाल के लिए आतुर है और वह आपके पास उपलब्ध नहीं। सो आपको किसी के गाल पर तमाचा नहीं देना है, लेकिन यदि कोई आपके गाल पर एक तमाचा देता है तो आपको दोनों गाल पर देने की तैयारी रखना ही होगी अन्यथा यह सिलसिला रुकने से रहा।
निकट परिस्थितियाँ और भी विकराल होने को है,भवितव्य तय है लेकिन आपको तैयार रहना ही होगा।

सियासत और एक सरकार के तौर पर जिम्मेदार दल को उस नाभि पर प्रहार करना होगा जिसके आश्रय में यह राक्षसी सिर पैदा हो रहे है और समाज को कठोर प्रतिकार की तैयारी। फिर वो चाहे आर्थिक सामाजिक बहिष्कार हो या कि तलवार।

और यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो फिर आपका हश्र वैसा ही होने वाला है जो नवाज देवबंदी की लाइनें कहती हैं-

उसके कत्ल पे मैं जो चुप था मेरा नम्बर अब आया
मेरे कत्ल पे आप जो चुप हैं अगला नम्बर आपका है।
नम्स्कार🙏

राजू शर्मा नौटा

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

- Advertisement -

Latest News

Recently Popular