Friday, April 26, 2024
HomeHindiअजान का "ग़ैरक़ानूनी" शोर कब तक?

अजान का “ग़ैरक़ानूनी” शोर कब तक?

Also Read

गंगा जामुनी तहज़ीब से लबरेज़ हमारे देश में सभी मुस्लिम और विशेषकर ग़ैर मुस्लिम समाज के लोग ख़ुशी ख़ुशी दिन में 5 बार अजान सुनते हुए अपनी ज़िंदगी बिता रहे थे। फिर अचानक महाराष्ट्र से नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के लाउड्स्पीकर से अजान बंद करने की चेतावनी से सिर्फ़ महाराष्ट्र ही नही बल्कि पूरे देश में लाउड्स्पीकर से अजान देने के विरोध में आवाज़ उठने लगी है।

हिंदू संगठनों का कहना है के मस्जिदों से आते ऐसे ग़ैरक़ानूनी शोर से आसपास रहने वाले लोगों को दिनभर परेशानी का सामना करना पड़ता है, बच्चों की पढ़ाई और बुजुर्ग भी इस कानफोड़ू शोर से परेशान हैं। इस वजह से मस्जिदों पर लगे लाउड्स्पीकर पर रोक लगाने की माँग की जा रही है। जिस तेज़ी से इस मामले ने तूल पकड़ा है उसकी वजह से फ़िलहाल महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान सरकारों ने लाउड्स्पीकर पर रोक लगाने का आदेश पारित कर दिया है। अजान के कर्कश ध्वनि प्रदूषण पर पहले भी बहुत बार सवाल उठे है लेकिन हर बार तुष्टिकरण की राजनीति के आगे उन सभी सवालों को अनसुना कर दिया गया।

एक क़ौम विशेष को इस देश की भ्रष्ट राजनीति ने इतना बड़ा बना दिया की उसे लगने लगा है के वह भारत देश में क़ानून से भी ऊपर है और इसी का नतीजा है के देश की सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशो के बाद भी मस्जिदों पर लगे इन लाउड्स्पीकर को नही हटाया गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया है की आवासीय इलाक़े में दिन में ध्वनि की सीमा 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल होनी चाहिए लेकिन फिर भी हफ़्ते के सातों दिन और दिन में 5 बार सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की धज्जियाँ उड़ाई जाती हैं। हिंदू संगठनों की यह माँग है कि जब होली और दीवाली पर ड़ीजे बैन किया जाता है तो फिर अजान पर भी कार्यवाही होनी चाहिए।

अजान के शोर से सिर्फ़ हिंदू समुदाय में रोष हो ऐसा भी नही है हाल ही में पानीपत में रहने वाले मोहम्मद आज़म ने लिखित रूप मे पुलिस से शिकायत कर इस शोर को बंद करवाने की माँग की साथ ही उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का हवाला दिया जिसमें रात 10 और सुबह 6 बजे तक लाउड्स्पीकर बजाना बैन है।

जब इस्लामिक देशों जैसे दुबई,टर्की और मोरोक्को जैसे देशों में लाउड्स्पीकर पर प्रतिबंध है तो फिर भारत जैसे लोकतांत्रिक देश बहुसंखक आबादी हिंदू है उस देश में ज़बरदस्ती अजान का शोर दूसरों पर थोपना कहाँ तक तर्कसंगत है? उम्मीद की जा सकती है जिस तरह देश में राजनेतिक समीकरणों में बदलाव हो रहा है उसे देखते हुए लगता है की जल्द ही भारत में इस ग़ैर क़ानूनी अजान के शोर से हमेशा के लिए राहत मिलेगी।

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

- Advertisement -

Latest News

Recently Popular