मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पिछले कुछ दिनों से चर्चा में हैं। अब राज्य सरकार ने उनका वेतन रोकने का फैसला किया है। वह पिछले कुछ दिनों से लापता थे। मुंबई पुलिस ने उनके घर के बाहर नोटिस जारी कर उन्हें हाजिर रहने को कहा था. हालांकि, वह हाजिर नहीं रहे।
अब उन्हें फरार घोषित करने का फैसला किया जाएगा। इससे उनकी मुश्किल और भी बढ़ गई है। पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने के बाद भड़के विवाद के मद्देनजर परमबीर सिंह पर भी आरोप लगाया गया था।
उनके उपर मुंबई और ठाणे में भी केस दर्ज किया गया था। परमबीर सिंह छुट्टी पर गए थे, लेकिन उसके बाद से नहीं लौटे। उन्होंने अपनी अनुपस्थिति की जानकारी गृह विभाग को भी नहीं दी। इस वजसे उनके वेतन में भी कटौती की है।
कई लोगों ने यह भी कहा था कि वह चंडीगढ़ में हैं। परमबीर सिंह ने जांच आयोग को एक हलफनामा सौंपा है जिसमें कहा गया है कि इससे जुड़ी पॉवर ऑफ अँटर्नी चंडीगढ़ में बनाई गई है।
अनिल देशमुख पर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ रुपये वसूलने का आरोप लगाया था। मामले की जांच के लिए न्यायमूर्ति चांदीवाल आयोग का गठन किया गया है। लेकिन परमवीर सिंह पिछले कुछ महीनों से लापता है।
चांदीवाल आयोग के समक्ष दायर एक हलफनामे में परमवीर सिंह ने कहा, ”मुझे कुछ नहीं कहना है.” मैं कोई सबूत पेश नहीं करना चाहता। साथ ही, मैं कोई उलटी जांच नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा, “मैं किसी भी पक्ष से जिरह नहीं करना चाहता और न ही चांदीवाल आयोग के समक्ष सबूत पेश करना चाहता हूं।”