20 वर्ष पूर्व आरंभ हुआ नरेंद्र दामोदर दास मोदी का सक्रिय राजनेतिक जीवन, 7 अक्टूबर 2001को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए नरेंद्र मोदी।
राजनेतिक जीवन का ये उनका सर्वप्रथम अनुभव था जिससे पहले उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक दायित्वों का निर्वाहन किया था।
नरेंद्र मोदी राजनीति के शीर्ष पर पहुँचने वाले उन चुनिंदा राजनेता के रूप में दायित्वों का निर्वहन किया और फिर गुजरात के मुख्यमंत्री बने और इस दायित्व का निर्वहन किया, 2014 में भारतवर्ष के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में उभर रहे नरेंद्र दामोदर दास मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार एनडीए द्वारा घोषित किया गया।
16 मई 2014 को 16वी लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत के उपरांत प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। आइए जानते हैं कुछ बड़ी बातें जो प्रधानमंत्री को बनाती हैं एक असाधारण अपितु कुशल राजनेता,
1-असाधारण भाषण के धनी मोदी अपनी इस कला द्वारा अपने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करना जानते हैं विकास राष्ट्रवाद व अन्य मुद्दों पर वे जितनी स्पष्टता और सजगता से अपनी बात रखते है और अचिंतता से भाषण कर श्रोताओं को प्रभावित करने की क्षमता रखते है देश के अन्य नेताओं की तरह लिखा हुआ भाषण नहीं पढ़ते अथवा अपनी निपुण वाक शैली से श्रोतावर्ग से एक अटूट सम्बंध स्थापित कर लेते है।
2- प्रधानमंत्री मोदी की छवि एक उतीर्ण विश्वस्तरीय नेता की उनके मजबूत व्यक्तित्व के रूप में इसलिए पहचानी जाती है क्योंकि वे भारतीय युवा वर्ग को देश के विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने के मुख्य प्रेणा स्रोत है।
3- प्रधानमंत्री मोदी का एक सकरात्मक गुण यह भी है कि भारत को विश्व गुरु बनाने की उनकी दूर दृष्टि स्प्ष्ट है और उनकी यही दूर दर्शिता गुजरात अथवा अब पूरे भारत वर्ष को विकसित करने में प्रभावशाली हैं।
4- प्रधानमंत्री मोदी की नीति निर्णय एवं कार्य कुशलता उन्हें एक बहुचर्चित राजनेता के रूप में उन्हें अपने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं का समर्थन प्राप्त रहता है और उनकी स्मृति इतनी तीव्र हैं कि वे वर्षो पूर्व किसी संगठन कार्यकर्ता का नाम भी कभी नहीं भूलते।
5 नरेंद्र मोदी बाल्यकाल से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े होने के कारण एक अनुशासित जीवन शैली का निर्वहन कर रहे है वे कुशल योजनाकार के रूप में चर्चित रहते है जिनका उदाहरण उनके द्वारा की गई 3.5 लाख किलोमीटर यात्रा से ज्याद और 400 रैलियों को संबोधित करना व ऐसे क्षेत्रों में जनसंवाद के लिए पहुँचना जहाँ ज्यादा तर राजनेतिक दल जाना पसंद नहीं करते थे।
6- मोदी एक राजनेता होते हुए भी तकनीक के छेत्र में होने वाले परिवर्तनों से अपने आप को अपडेट ऱखते है अथवा वे योग के बहुत बड़े अनुयायी हैं इसी कारण ये किसी टेक्नो क्रेट से ज्यादा उतीर्ण एव किसी योगाचार्य से ज्यादा फिट हैं।
7- मोदी ने अपने प्रधानमंत्री पद के दायित्व के अनुरूप रिकॉर्ड विदेश यात्राएं कर भारत को वैश्विक पटल पर जो उतीर्णता प्रदान की है वो इतिहास में अविस्मरणीय रहेगी और उनकी जन कल्याण योजनाएं वास्तविक रूप में उनके कथन को सत्य प्रतीत करती हैं।
“में देश का प्रधानमंत्री नहीं, देश का प्रधान सेवक हूँ”
और उनका मूल मंत्र हैं
‘सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास सबका प्रयास’
नरेंद्र मोदी के राज्य और केंद्र सरकार में प्रमुख की भूमिका में आज 20 साल हो चुका है. आज ही के दिन साल 2001 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री चुने गए थे। तब से लेकर आज तक मोदी के नाम का मैजिक पहले गुजरात में दिखाई पड़ता था अब पूरे देश में ही नहीं पूरे विश्व में दिखाई देने लगा है।
साल 2014 लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री का चेहरा बनाकर पूरे देश में पेश किया गया. इसी बदौलत भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए कई रिकॉर्ड्स तोड़ डाले। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी उनकी आवाज और उनका मैजिक पूरे देश में दिखाई पड़ता था। ऐसे में जब वे प्रधानमंत्री पद के लिए चुने गए तो भाजपा को देश की जनता ने भरपूर वोट दिया और बहुमत देकर लोकसभा में बिठाया।
नरेंद्र मोदी के 20 वर्ष तक राजनीति के शीर्ष पर रहने के पीछे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अहम भूमिका है। जब गुजरात भाजपा में बड़े बड़े नेताओं के सुर बगावती तेवर अपना रहे थे। इस दौरान नरेंद्र मोदी संघ में बतौर प्रचारक कार्यरत थे। इसी बीच अचानक उन्हें संघ से सक्रिय राजनीति में भेज दिया गया और गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी गई। इसके बाद पीएम मोदी ने लगातार गुजरात में 3 बार सरकार का नेतृत्व किया। गुजरात में अपने विपक्षियों को हराकर पूरे देश में मोदी के नाम का डंका बजवाने के बाद उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए योग्य पाया गया और यहीं से नरेंद्र मोदी के दिल्ली के सफर की शुरुआत होती है, फिर क्या था नरेंद्र मोदी साल 2014 में प्रचंड बहुमत से जीते और भाजपा 10 साल बाद वापस सत्ता में आई और नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री चुना गया।
यही नहीं साल 2019 लोकसभा चुनावों में मोदी मैजिक और भी प्रबल हो गया और इस बार भाजपा को पहले की अपेक्षा और भी अधिक सीट मिला और फिर दूसरी बार नरेंद्र मोदी को ही प्रधानमंत्री बनाया गया। इसके बाद मोदी सरकार ने एक-एक कर कई बड़े फैसले रहे, जिस कारण उन्हें इतिहास में जाना जाएगा। चाहे वह धारा 370 हो या तीन तलाक नोट बंदी जैसे कड़े फैसले हो या फिर राम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल होकर श्रीराम को दंडवत प्रणाम करना। नरेंद्र मोदी को इतिहास में एक सफल प्रधानमंत्री और एक बेहतरीन राजनेता के रूप में भी जाना जाएगा।
श्वेता सिंह