पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित राहत घोषणा “आत्मनिर्भर” पैकेज के बाद हालहीं में वित्त मंत्री श्रीमति निर्मला सीतारमण ने प्रेस-कॉफ्रेंस कर फिर से एसएमएमई को पेकैज प्रदान करने की बात कही है। इस पैकेज में बिजनेस लोन से लेकर स्ट्रेस्ट एमएसएमई को सुविधा प्रदान करने की बात कही गई है। जानिए प्रमुख बातें।
अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए 20 लाख करोड़ का भारी भरकम “आत्मनिर्भर“ पैकेज। जीडीपी का 10 फीसदी के बराबर है यह पैकेज। इस पैकेज में 1.7 लाख करोड़ रुपये का पहला पैकेज भी शामिल है। एमएसएमई को तमाम तरह की छूट प्रदान की जाएगी। आत्मनिर्भर भारत के पांच पिलर निम्न हैं: इकॉनमी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्रॉफी और डिमांड।
राहत घोषणा पैकेज हाइलाइट्स
- कुटीर लघु उद्योग के लिए 6 कदम उठाए जायेंगे।
- ईपीएफ के लिए 2 कदम उठाए जायेंगे।
- NBFC के लिए 2 कदम कदम उठाए जायेंगे।
- एमएफआई के लिए 1 कदम उठाया जायेगा।
- संकट में फंसे 2 लाख एमएसएमई को कर्ज के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का लोग बिना गांरटी दिया जाएगा। इससे 45 लाख एमएसएमई को फायदा होगा।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग उद्योग (MSME) के लिए उठाया गया कदम
- एमएसएमई को क्रेडिट फ्री लोन दिया जाएगा।
- MSME को 3 लाख करोड़ रुपये का एमएसएमई लोन गारंटी फ्री मिलेगा। इससे 45 लाख एमएसएमई को इससे फायदा मिलेगा।
- एमएसएमई को 1 साल तक ईएमआई से राहत, 25 करोड़ रुपये तक लोन वाले एमएसएमई को फायदा मिलेगा. MSME को एक साल तक ईएमआई चुकाने से मिलेगी राहत।
- जिस MSME का टर्नओवर 100 करोड़ है वे 25 करोड़ तक लोन ले सकते हैं।
- जो लोन दिया जाएगा उसे चार सालों में चुकाना है। यह 31 अक्टूबर 2020 तक वैलिड है।
- स्ट्रेस्ड MSMEs के लिए 20 हजार करोड़ रुपये सब-ऑर्डिनेट डेट दिया जाएगा। इससे 2 लाख एमएसएमई को फायदा मिलेगा।
- सरकार GSTMSE को 4 हजार करोड़ रुपये का मदद देगी। GSTMSE बैंक को क्रेडट गारंटी देंगे।
- फंड ऑफ फंड्स के जरिए MSMEs के लिए 50 हजार करोड़ रुपये इक्विटी इंफ्यूजन किया जाएगा।
- एमएसएमई के लिए ई-मार्केट लिंकेज पर जोर दिया जाएगा। सरकार एमएसएमई के बाकी पेंमेंट 45 दिनों के अंदर करेगीः
सरकार ने MSMEs की परिभाषा तय करने का फैसला किया है।
- 1 करोड़ के इन्वेस्टमेंट और 5 करोड़ तक के टर्न ओवर को माइक्रो इंटरप्राइज का दर्जा दिया जायेगा. यह दर्जा मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों सेक्टर को समान रुप से दिया जायेगा।
- 10 करोड़ तक का इन्वेस्टमेंट और 50 करोड़ के टर्नओवर वाले इंटरप्राइज को स्मॉल यूनिट माना जाएगा. यह दर्जा मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों सेक्टर को समान रुप से दिया जायेगा।
- 30 करोड़ तक का निवेश और 100 करोड़ के टर्नओवर वालों को मीडियम इंटरप्राइज माना जाएगा. यह दर्जा मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों सेक्टर को समान रुप से दिया जायेगा।
एनबीएफसी के राहत घोषणा पैकेज
- सभी NBFC/ HFC/ MFI के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की विशेष लिक्विडिटी योजना शुरू की जाएगी।
- पार्शियल क्रेडिट गारंटी स्कीम 2.0 के जरिए 45 हजार करोड़ का लिक्विडिटी इंफ्यूजन किया जाएगाः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।
अन्य घोषणा
- 8 हजार करोड़ रुपये टैक्स पेयर्स को रिफंड देकर राहत दी गई है। 14 लाख टैक्सपेयर्स को इसका फायदा भी मिला है।
- अब 200 करोड़ तक के सरकारी कामों के लिए ग्लोबर टेंडर नहीं होंगे।
- वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2020 और 31 अक्टूबर 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया जाएगा।
- 15,000 से कम वेतन वालों का पीएफ अगले 3 महीने तक सरकार देगी। 72 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। 2,500 करोड़ का लाभ लोगों को इस योजना से मिलेगा।
- टीडीएस और टीसीएस 31 मार्च में 2021 तक 25 फीसदी घटाया गया।
- कर्मचारियों का 12 फीसदी की जगह 10 फीसदी ईपीएफ कटेगा, पीएसयू में 12 फीसदी ही कटेगा ईपीएफ।