पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित राहत घोषणा “आत्मनिर्भर” पैकेज के बाद हालहीं में वित्त मंत्री श्रीमति निर्मला सीतारमण ने प्रेस-कॉफ्रेंस कर फिर से एसएमएमई को पेकैज प्रदान करने की बात कही है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने स्टार्टअप्स और छोटे बिजनेस के लिए कई सरकारी योजनाएं शुरू की हैं, जिनका उद्देश्य उन्हें अधिक संसाधन और अधिक विकास को गति प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत पात्र लोगों को अधिकतम 25 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन मिलता है। हालांकि सबसे बड़ी शर्त यह है कि बिजनेस प्रोजेक्ट में निवेश होने वाले धन का 10 प्रतिशत हिस्सा खुद कारोबारी को अपने स्तर से लगाना होता है।
कुछ बिजनेस पर सरकार की तरफ से 50 प्रतिशत लोन उपलब्ध कराया जाता है तो वहीं एमएसएमई कैटेगरी के कुछ बिजनेस पर 90 प्रतिशत तक बिजनेस लोन मुहैया कराया जाता है।
20 lakh crore package and other pro business announcement, when announced, appeared like a mirage; however, the experience was quite different and touching!
Government has given utmost importance in taking care of the migrants, daily wage laborers, farmers and the poor and addressed the needs through 1.7 lakh crores “Garib Kalyan Yojana”.
In addition to being a key cog in the wheel of a global supply chain hub that we are aiming to create in India, the MSME sector is going to be the biggest employer for the teeming millions of Indians who are entering and are going to enter in the job market in the future.