प्रधानमंत्री मुद्रा योजना 2015 में शुरु हुई है। मुद्रा योजना में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) कारोबारियों को तीन कैटेगरी में 10 लाख तक का बिजनेस लोन बिना कुछ गिरवी रखें दिया जाता है।
देश का माहौल 2014 के बाद से पूरी तरह बदल गया है। लोकसभा 2014 चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को देश की जनता का ऐसा जनादेश रूपी आशीर्वाद प्राप्त हुआ की देश को राजनीतिक तौर एक मजबूत नेतृत्व प्राप्त हुआ।
2014 से पहले देश में हर रोज नया घोटाला सामने आता था। घोटाला भी सैकड़ों करोड़ का होता है। भारत – पाकिस्तान सीमा पर हर रोज तनाव की खबरों के बीच देश के सैनिकों के हताहत होने की खबर लगातार मिलती रहती थी।
उस दौरान ऐसा माहौल बन गया था की भारत एक सशक्त नहीं बल्कि राजनीतिक रुप से मजबूर देश हो। जबकि ऐसा नहीं था की हमारी सेना कमजोर हो या घोटालों पर लगाम नहीं लगाई जा सकती है। कमी थी तो सिर्फ इच्छाशक्ति की।
26 मई 2014 वह तारीख है जिस दिन नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री की शपथ लिया था। नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमन्त्री बनने के साथ ही भारत में एक राजनीतिक युग का अंत हुआ और एक नये राजनीतिक युग की शुरुवात हो गई।
2014 से लेकर वर्तमान तक देखते हैं तो एक या दो नहीं बल्कि ऐसे बहुत से सकारात्क बदलाव हुए जिससे देश में कई स्तर पर बदलाव देखने को मिल रहा है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से देश के माहौल में कई स्तर पर सकारत्मक बदलाव आया है।
बदलाव चाहे सीमा सुरक्षा के क्षेत्र में हो, रक्षा का मामला हो, दशकों से चले आ रहे अनसुलझे मुद्दों हो या देश में कारोबार का सकारात्मक माहौल तैयार करने का मामला हो। मोदी सरकार सभी में सफल साबित हुई है।
अनसुलझे मुद्दों की बात करें तो ट्रिपल तलाक, कश्मीर में धारा 370 और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण एक ऐसा मुद्दा था जिसपर कई वर्षों से कोई फैसला नहीं हो पा रहा था।
नरेंद्र मोदी सरकार में इन सभी मुद्दों का स्थाई हल निकाला गया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार ट्रिपल तलाक को अवैध घोषित किया, कश्मीर में धारा 370 पूरी तरह से ख़त्म कर कश्मीर को यूनियन टेरिटरी घोषित आकर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करके अयोध्या में राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ किया गया। यह सब संभव हुआ एक राजनीतिक रुप से मजबूत नेतृत्व के चलते।
मोदी सरकार द्वारा देश में सकारत्मक माहौल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में देश की जनसँख्या 130 करोड़ से भी अधिक है। ऐसे में सरकार की प्राथमिकता है सभी के लिए रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
नरेंद्र मोदी कई मौकों पर कह चुके हैं कि देश के युवा रोजगार मांगने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाले बने। स्वाभाविक सी बात है की कोई रोजगार करना चाहता है तो उसके लिए पैसों की जरूरत पड़ती है।
ऐसा नहीं है नरेंद्र मोदी जी ने सिर्फ यह बोल दिया की देश के युवा अधिक से अधिक कारोबार करें बल्कि इसके लिए मोदी सरकार द्वारा कई बिजनेस लोन योजना शुरु की गई है। बिजनेस लोन योजना में प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना सबसे खास है।
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना
मुद्रा लोन योजना केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना Pradhan Mantri MUDRA Yojana (PMMY) 8 अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरु की गई योजना है।
मुद्रा योजना का पूरा नाम माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट रीफाइनेंस एजेंसी (Micro Units Development Refinance Agency) है। इस योजना में नया कारोबार शुरु करने के लिए और पुराने कारोबार का विस्तार करने के लिए तीन कैटेगरी में 10 लाख तक का बिजनेस लोन बिना कुछ गिरवी रखें दिया जाता है।
मुद्रा योजना से पहले छोटे एवं मध्यम स्तर के कारोबारियों को बैंक लोन देने से कतराते थे या लोन देने के लिए प्रॉपर्टी गिरवी रखने की मांग करते थे। इस स्थिति में उन कारोबारियों को सबसे अधिक दिक्कत होती थी जिनके पास इतनी प्रॉपर्टी नहीं होती थी जिनको वह गिरवी रखकर लोन ले सकें।
जिन युवाओं के पास पर्याप्त पूंजी नहीं होता था की जिससे वह खुद का कारोबार शुरु कर सकें लेकिन उनके पास बिजनेस का आइडिया होता था। उन युवाओं के लिए मुद्रा लोन योजना वरदान साबित हुई है।
जहां पहले बिजनेस के लिए लोन देने से पहले बैंक कतराते थे वहीं मुद्रा योजना में 27 सरकारी बैंक, 17 प्राइवेट बैंक, 31 ग्रामीण बैंक, 4 सहकारी बैंक, 36 माइक्रो फाइनेंस कंपनी और 25 नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) लोन देने के लिए अदिकृत की गई हैं।
मुद्रा योजना से महिला सशक्तिकरण कितना हुआ यह इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की मुद्रा लोन के हर 4 लाभार्थी में से 3 महिला कारोबारी लाभार्थी हैं। इसे यह भी कह सकते हैं की मुद्रा लोन का लाभ देने में महिला कारोबारियों को प्राथमिकता दी जाती है।
तीन कैटेगरी में मिलता है 10 लाख तक का लोन
पीएम मुद्रा लोन योजना के तहत कुल 10 लाख तक बिजनेस लोन मिलता है। यह लोन अमाउंट तीन कैटेगरी में विभाजित है:
कैटेगरी | लोन अमाउंट |
शिशु लोन | 50 हजार तक बिजनेस लोन |
किशोर लोन | 50 हजर से 5 लाख तक का बिजनेस लोन |
तरुण लोन | 5 लाख से 10 लाख तक का बिजनेस लोन |
यानी जिसको जैसी जरूरत उसको वैसा लोन अमाउंट मिलता है। कुछ दिनों पहले मुद्रा लोन अमाउंट को बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने संबंधित एक रिपोर्ट पेश की गई थी। हालाँकि वर्तमान में मुद्रा लोन 10 लाख तक के अमाउंट का ही मिलता है।
मुद्रा लोन योजना में अब कुल कितना लोन दिया गया?
2015 में शुरु हुई मुद्रा लोन योजना के तहत हर वित्त वर्ष में अलग – अलग आंकड़ों के अनुसार लोन दिया गया है। मुद्रा योजना की वेबसाइट के अनुसार अब तक दिए गये लोन का आंकड़ा निम्न है:
वित्त वर्ष | लोन स्वीकृत संख्या | राशि स्वीकृत | लोन डिसबर्स अमाउंट |
2019-2020 | 34614500 * | 198418.64 करोड़* | 192524.60 करोड़* |
2018-2019 | 59870318 | 321722.79 करोड़ | 311811.38 करोड़ |
2017-2018 | 48130593 | 253677.10 करोड़ | 246437.40 करोड़ |
2016-2017 | 39701047 | 180528.54 करोड़ | 175312.13 करोड़ |
2015-2016 | 34880924 | 137449.27 करोड़ | 132954.73 करोड़ |
इस तरह हम देखते हैं तो एक बड़ी संख्या में लोगों को मुद्रा लोन का लाभ प्राप्त हुआ है। जहां पहले छोटे और मध्यम कारोबारियों को लोन देने में बैंक आनाकानी करते थे वहीं अब मुद्रा लोन योजना के जरिये बिना किसी दिक्कत के कारोबारियों को लोन मिल रहा है और कारोबारी नया बिजनेस शुरु करने के साथ ही अपने बिजनेस का अपने मनमुताबिक विस्तार कर रहे हैं।