पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सरकार है| ममता बनर्जी की यह सरकार कथित तौर पर बीते कई सालों से पश्चिम बंगाल में सुशासन कर रही थी| ऐसा हमने कथित तौर पर ही जाना था लेकिन वर्तमान समय में ममता बनर्जी की सरकार पूर्णतया एक्सपोज़ हो चुकी है|
यहां हम आपको कुछ बिंदुओं में बताने की कोशिश करेंगे कि वास्तव में ममता बनर्जी की सरकार में क्या होता है|
बूथ कैप्चरिंग के द्वारा सत्ता पर अधिकार
यह घटना 2018 की ही है मई के महीने में पश्चिम बंगाल में नगर पंचायत चुनाव था चुनाव में जो हुआ वह बहुत ही गलत था| बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा बूथ कैप्चरिंग की गई |
जो कि चुनाव बैलेट पेपर से हो रहा था इसलिए टीएमसी के कार्यकर्ताओं के द्वारा बड़ी ही आसानी से फर्जी वोटिंग की गई| उन्होंने खुद के पार्टी के निशान पर मोहर लगाकर के चुनाव पेटी में बैलेट पेपर भर दिए|
आम लोगों पर मौत बने टीएमसी कार्यकर्ता
टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने चुनाव जीतने के बाद दूसरी पार्टी के समर्थकों की हत्या शुरू कर दी अपने इस घिनौने क्रम में ममता बनर्जी के कार्यकर्ताओं द्वारा दो दलित हत्या कर दी गई| दोनों को बहुत ही भयंकर रूप से मारा गया आप दोनों चित्र देख सकते हैं मरते वक्त दोनों की स्थिति कुछ ऐसी थी|
आम जनता पर मुसीबत
इस घटना के बाद काफी बवाल हुआ जिसमें स्थानीय लोगों और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई, इस झगड़े में स्थानीय लोगों में से कई घायल हो गए| लेकिन इसके बाद भी घमासान नहीं थमा टीएमसी के कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी जारी थी और उन पर लगाम कौन लगाता क्योंकि सरकार तो टीएमसी की ही है| और पक्षपात के विचार धारा के चलते उन्हें सजा मिलना मुश्किल है|
केंद्र सरकार के दबाव के कारण अब पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी प्रेस और न्यूज़ रिपोर्टर्स पर रोक नहीं लगा पा रही हैं| नहीं तो बहुत ही मुश्किल हो जाता यह खबरें सब तक पहुंचना| यह खबरें हमेशा की तरह बंगाल के अंदर ही दब कर रह जाती और कोई भी ना जान पाता कि वहां टीएमसी के लोग क्या गुंडागर्दी कर रहे हैं|
झूठा प्रचार करा कर सरकार का कद नहीं बढ़ता है यह ममता बनर्जी को समझना चाहिए और लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार होने के कारण पद से इस्तीफा देना चाहिए|