TOPIC
Ravish Kumar
काॅमरेड रवीश के नाम एक खुला पत्र
मोदी विरोध में इतना भी मत गिरो, सर, कि सेना और देश से नफरत होने लग जाए!
क़ानून से ऊपर मीडिया की आज़ादी?
मीडिया को सरकार का पक्ष नहीं लेना चाहिए, लेकिन क्या मीडिया को सरकार विरोधी भी होना चाहिए?
An open letter to Ravish Kumar by his viewer
Abhay -
This letter is specifically explore the possibility of an interview between our PM Modi and Ravish Kumar.
प्रोपगैंडा प्रभु रवीश कुमार
समाचार चैनलों के इस युग में अच्छा टीवी पत्रकार वही बन सकता है जो अभिनय जनता हो।
प्रोपगैंडा की आज़ादी
आज का दर्शक-पाठक जागरूक हो गया है रवीश जी। आप जिस रंग के चश्मे को लगा कर समाचार लिखते-दिखाते हैं, जरूरी नहीं कि वो उसी रंग के चश्मे से उसे पढ़े-देखे। वो अब पढ़ता-सुनता-देखता है और फिर सोचता है कि आपके बताये-दिखाये खबर में कितना सच है और कितना वैचारिक पक्षपात।
Unable to understand mime show in NDTV, last two viewers from India quit watching it
Manithan -
NDTV India in dire straits
खुला पत्र रवीश कुमार के नाम
Shashank -
आप ख़ुद को unbiased कहते हैं, पर आप हैं नहीं। इसके लिये मैं आपके एक episode की याद दिलाता हूं, जिसमें आपने बिरयानि पर शो किया था।
रवीश कुमार के लिए एक फ़ैन का खुला पत्र
मैं वैसे तो टीवी नहीं देखा परंतु पिछले दस दिन में आपका तीन कार्यक्रम देख लिया है। हर कार्यक्रम में एक बात जो सामान्य थी वो यह थी कि यदि सोशल मीडिया ना होता तो शायद आज भारत सोने की चिड़िया होता।