हर दाग में दो पक्ष होते हैं, एक जो दाग लगाता है और एक जिसको दाग लगता है। लगने व लगाने वाले के मूल्यों, उद्देश्यों, आकांक्षाओं, उत्पत्ति और परिस्थितियों के हिसाब से दाग को परिभाषित किया जाता है।
अगर यह पूरा दिखाया गया होता तो शायद जागृत हिंदुओं को इतना विरोध करने करने की ज़रूरत न होती, बल्कि सच दिखाए जाने पर विरोध कहीं और से ही आता और केवल सोशल वेबसाइट्स तक ही सीमित न रहता।
Anyone who thinks that problem with Congress is only due to people heading the party and not with the mindset, just see the behaviour of Himanta Biswa Sarma when he was with Congress and when he is in BJP and Sidhu before and after joining Congress.
With the mood in the nation prior to independence pro-minority, Nehru got the opportunity to implement the colonial and Christianised concept in 1949, when he famously said: To talk of Hindu culture, would injure India's interests.
भारत का शक्तिशाली होना देश के धर्मनिरपेक्ष ढाँचे के लिए ठीक नहीं है, इस बात को समझते हुए नेहरु ने देश की सुरक्षा को अपनी प्राथमिकताओं में सबसे निचला स्थान दिया था।