असदुद्दीन ओवैसी सांप्रदायिकता भड़काने के मामले में जाने जाते हैं। कई बार कार्यवाही होने के बावजूद भी अपनी आदत से बाज नहीं आते हैं। और इस बार भी उन्होंने सांप्रदायिकता भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
असदुद्दीन ओवैसी जब हिंदू इलाकों में जाते हैं तो हिंदुओं से वोट की अपील करते हैं और कहते हैं कि उन्हें हिंदू-मुस्लिम देखकर वोट नहीं देना चाहिए बल्कि नेता देखकर वोट देना चाहिए। लेकिन जब यह मुस्लिम समुदाय के बीच में जाते हैं तो कहते हैं कि मुसलमान केवल मुसलमानों को ही वोट करें हिंदुओं को नहीं।
आज का माहौल नेताओं की दोहरी बातचीत ने ही बिगाड़ रखा है। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी महाराष्ट्र के बीड़ में कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों को संबोधित कर रहे थे, और भाषण के बीच में उन्होंने कहा कि मुसलमान अगर अपने अधिकारों को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो वह केवल मुसलमानों को ही वोट करें ताकि मुसलमान राजनीतिक रूप से मजबूत हो पाए और सत्तासीन हो सके।
हम उस वक्त का इंतजार कर रहे हैं जब नेता दोहरी बातचीत करना बंद कर देंगे। यही असदुद्दीन ओवेसी हिंदुओं से मुसलमानों को हिंदू मुस्लिम देखे बिना वोट करने की बात करते हैं, और मुसलमानों से कहते हैं कि आप केवल मुसलमानों को वोट करें हिंदू गैर धर्म के हैं इसलिए उन नेताओं को वोट ना करें।
बहुत ही निंदनीय बात है।