It is time we stand up and defend pro-Hindu causes and policies. It’s time we stand up and speak for those Hindus who won’t or can’t speak for themselves due to fear of public ridicule and backlash, discrimination, job loss, the destruction of temples, assault and death.
Stand-up comedians just to fetch some 4-5 touches of laughter in a show have made it a regular exercise of defaming Hindu religion! And the irony is, that most Hindus themselves laugh at the jokes and attend such shows and comedians!
भारत के कुछ वैचारिक उन्मादी प्रवृत्ति के पत्रकारों द्वारा सोशल मीडिया में भारतीय हिन्दू प्रवासी कामगारों में भय पैदा करने में अपना कोई कसर नहीं छोड़ रहे है और साथ ही साथ बहुसंख्यक समुदाय को एक प्रकार की अघोषित रूप से चेतावनी भी दे रहे है कि बेटा कायदे में रहो हम तो 52 मुमालिक है।
जब भी प्रधानमंत्री देशहित में कोई भी फैसला लेते हैं तो उसके बार में इतना घटिया तरीके से प्रचार होता हैं की लोगों में उस फैसले को लेकर भ्रम फ़ैल जाता हैं. इसका ताज़ा उदाहरण नागरिकता संशोधन कानून हैं
हिंदुत्व की विचारधारा बढ़ाने से जो हिन्दू जातियो में विभाजित थे वो धर्म के नाम पर इकठ्टे हुए, उच्च जाति से लेकर अनुसूचित जाति के लोग भी एक ही झंडे के नीचे नज़र आये जो 2014 में बीजेपी के विजय का एक प्रमुख कारण भी रहा।