छत्रपति शिवाजी महाराज ने सभी बाधाओं के बावजूद, शक्तिशाली मुगलों के खिलाफ लड़ते हुए, दक्कन में हिंदू साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने जनता में गौरव और राष्ट्रीयता की भावना पैदा करके उन्हें मुगल शासक औरंगजेब के अत्याचार से लड़ने के लिए प्रेरित और एकजुट किया।
Holding onto voting percents are no consolation, like in the Karnataka elections. Either you win, or you loose. There's no second place in these elections.
Bhagat Singh and Veer Savarkar were both great sons of India who had different views on religion and nationalism, but both fought for the freedom of their country. Despite their differences, Bhagat Singh held Veer Savarkar in high esteem for his philosophy and his stand for Madanlal.
आजकल एक २७ वर्षीय सनातनी संत कि खूब चर्चा प्रिंट मिडिया और इलेक्ट्रानिक मिडिया में हो रही है। "अन्ध विश्वास निर्मूलन समिति" के नाम पर सनातन समाज से वैमनस्य रखने वाले भाड़े के टट्टूओ को मोहरा बना कर विधर्मी समूहो ने उन्हें किसी ना किसी प्रकार अपने षड्यंत्र का शिकार बनाने की कार्ययोजना पर अमल करना भी शुरू कर दिया है।
In light of the evidences mentioned here, I would like to argue that Savarkar was not an atheist. This atheist argument is mainly brought up by liberals to deride the followers of Savarkar.
Most of the Indian Hindus are unaware of the assault that Hinduism has been subjected to from the followers of three ‘exclusive dogmas’, viz: Christian evangelism, Islam and Communism.
Indian born British Author Saurav Dutt has penned ‘Modi & Me: A Political Reawakening’ an unflinching book that deals with the reasons behind the rising surge of Hinduphobia across media, academia, culture and politics across the world. Dutt maps the energy behind the movement-a denigration and distortion of Hindu values, history and culture-alongside the meteoric rise of Narendra Modi and the BJP since Modi’s ascent to the Indian premiership in 2014.
आज की वामपंथी विचारधारा लगातार हिंदुत्व को चोटिल कर रही है हिंदू देवी देवताओं पर टिप्पणी के अलावा हिंदुत्व को नीचा दिखाने में कुछ असामाजिक तत्व कोई कमी नही छोड़ रहे है हिंदू धर्म से अलग होकर बौद्ध या अन्य धर्म धारण करने वाले लोगो को हिंदुत्व में बुराई लगती है पर क्या उन्हे हिंदुत्व के इस इतिहास का पता है ? कभी नही होगा क्योंकि वो कुवे के मेढक है जिन्होंने कभी कूवे से बाहर की दुनिया देखी ही नही है।