Today on quizzing shows, Indian youth know more Greek philosophy than United Kingdom. But when asked about any of their own, it would be very non-classy to know that.
हर कुछ समय में भारत के स्वर्ण के खिलाफ इस तरह का प्रोपेगेंडा चलाया जाता है। यह स्वर्ण के खिलाफ प्रोपेगेंडा नहीं है यह सभी हिंदुओं समेत पूरे भारतवर्ष को अपने निशाने पर ले रहा है।
स्वयं चिंतन ,स्वयं संगठन , स्वयं क्रिया , स्वयं पुरुषार्थ , तथ्यों से आगे कर्मबोध तक जाना है अन्यथा हिंदुओं की लुटिया खुद हिंदुओं को ही समयचक्र में पुनः पुनः डूबना है ।
As a citizen of India, we all consider Hindu being the majority community within the nation will not be afraid of anything but that’s not true, certainly, we are the most afraid community in the region and even in India.
हम भारतीय सामान्य रूप में, आमतौर पर हमारे प्राचीन ज्ञान को अधिक महत्व नहीं देते हैं, जो पश्चिमी देशों और कई अन्य देशों में गहराई से अंतर्दृष्टि प्राप्त करने और इस महान ज्ञान को ग्रहण करने के लिए प्रयास करते हैं, जो हमें हमारे प्राचीन ऋषियों ने आसानी से विरासत में दिया है।
The youth should know the difference between modernization and westernization, changes with requirement of time differs from unknowingly influenced by other's way of life.
Time has come for sacred Hindu symbols of worship and temples to be accorded the glory and reverence they deserve. The epic Ram Mandir that will rise up at Ayodhya will go a long way in healing the bruised psyche of Hindus worldwide.